लॉकडाउन में बने 10 और कोरोना पट्टों का खुलासा , शिकायतकर्ता भागीरथ मेघवाल ने एडीएम को सूची देकर की जांच की मांग
( लॉकडाउन के दौरान नगरपालिका में पट्टों के खेल पर तथ्यात्मक रिपोर्ट)

कभी-कभी ऐतिहासिक उक्तियां भी देश,काल और समय के साथ बदल जाती हैं । ऐसा कहा जाता है कि ‘जब रोम जल रहा था तो नीरो बांसुरी बजा रहा था’। हमारे शहर के संदर्भ में एक नई लोकोक्ति यह बन रही है कि ‘ कोरोना संकट की घड़ी में डरे हुए लोग जब उलजुलूल ज्ञान पेल रहे थे तब सूरतगढ़ नगरपालिका के ईओ और चेयरमैन ‘पट्टा-पट्टा’ खेल रहे थे’।
जी हाँ ! ये बिल्कुल सच है । जब कोविड-19 के चलते देश में संपूर्ण लोकडाउन चल रहा था तब सूरतगढ़ नगरपालिका, चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा ओर अधिशासी अधिकारी लालचंद सांखला के नेतृत्व में भ्रष्टाचार का नया इतिहास लिख रही थी । जब केंद्र सरकार और राज्य सरकारें आम आदमी के स्वास्थ्य की चिंता कर रही थी तब इस बदकिस्मत शहर की सरकार के हाकिम भ्रष्टाचार की काली कमाई से अपना घर भरने में जुटे थे ।
जनता के स्वास्थ्य की चिंता से इतर सरकारी धन की ज्यादा से ज्यादा लूट में लगे इन गुरूओं, जिन्हें गुरुघण्टाल कहना ज्यादा मुनासिब होगा, द्वारा लिखे गए भ्रष्टाचार के काले अध्याय अब सामने आने लगे हैं। शहर के धन्ना सेठों, भू माफियाओं और प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर नगरपालिका में हुए भ्रष्टाचार के नंगे नाच के सभी किरदार अनलॉक पार्ट -2 में नंगे हो रहे हैं।
सूरतगढ़ के वार्ड नंबर-10 निवासी भागीरथ मेघवाल ने करीब 1 माह पूर्व लॉकडाउन में बनाए गए 11 फर्जी पट्टों की सूची पेश करते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर अशोक मीणा को मामले की जांच कर कार्रवाई का ज्ञापन सौंपा था। इस मामले में एडीएम अशोक मीणा सत्ता के बोझ तले दबकर अपनी रीढ़ की ताकत भले ही नहीं दिखा पाए हों, परन्तु परिवादी भागीरथ ने इसी कड़ी में कोराना काल में बनाए गए 10 और फर्जी पट्टों का खुलासा कर नगर पालिका में हुए भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है। मेघवाल ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को एक बार फिर ज्ञापन देकर इन फर्जी पट्टों की जांच करवाने की मांग की है।
लॉकडाउन में फर्जी पट्टा लेने वाले लाभार्थी
परिवादी भागीरथ मेघवाल ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में जिन पट्टों को लॉकडाउन के दौरान भ्रष्ट तरीकों से बनाने का आरोप लगाया है, वह इस प्रकार है :
- पट्टा संख्या – 4 ,श्रीमती सुनीता पत्नी श्री जेठाराम जाति-मोची, वार्ड संख्या – 38,सूरतगढ़।
- पट्टा संख्या – 7, राजीव कुमार पुत्र श्री सुनील कुमार जाति- ब्राह्मण, वार्ड नंबर – 22,सूरतगढ़।
- पट्टा संख्या -29, श्रीमती कौशल्या देवी पत्नी श्री कृष्ण लाल बिश्नोई, वार्ड नंबर -1,सूरतगढ़ साइज -1000 वर्ग गज,(खाता संख्या-337 में दर्ज़ है )
- पट्टा संख्या – 34, गुरजंट सिंह पुत्र श्री जसपाल सिंह, वार्ड नम्बर- 3, सूरतगढ़ ।
- पटा संख्या – 35, श्रीमती गीता देवी पत्नी श्री मोहनलाल, वार्ड नंबर – 9 सूरतगढ़।
- पट्टा संख्या – 36, अमृतपाल सिंह पुत्र श्री बग्गा सिंह , जाति -तरखान,साइज-25×50, वार्ड नंबर – 3,सूरतगढ़।
- पट्टा संख्या -38, श्रीमती अनीता पत्नी श्री दयानंद,जाति- स्वामी, वार्ड नंबर – 3,सूरतगढ़।
- व्यावसायिक खांचा भूमि का आवंटन- महेंद्र गोदारा (पार्षद) पुत्र राजाराम गोदारा व भानू गोदारा पुत्र राजाराम गोदारा को सयुंक्त रूप से वार्ड नंबर 27,सूरतगढ़ में व्यावसायिक भूखंड संख्या – 38 से सटी खाँचा भूमि , साइज-6×44 वर्ग फुट ।
- खांचा भूमि का आवंटन-महेंद्र गोदारा (पार्षद) पुत्र राजाराम गोदारा व भानू गोदारा पुत्र राजाराम गोदारा को सयुंक्त रूप से वार्ड नंबर-23, सूरतगढ़ में, साइज- 6×66 वर्ग फुट । ( इस पर प्रकरण में दोनों भाइयों ने खुद को वार्ड-23 का निवासी बताया है )
- व्यावसायिक खांचा भूमि का आवंटन- महेंद्र गोदारा व भानू गोदारा को संयुक्त रूप से वार्ड नंबर -17 पुराना व नया- 6 में नए बस स्टैंड के पास व्यावसायिक भूखंड संख्या-43 के साथ सटी भूमि, साइज -3.5×30 वर्ग फुट ।
चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा पर आरोप
परिवादी भागीरथ ने चेयरमैन ओम कालवा पर पट्टे जारी करने में मूक सहमति होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पालिका द्वारा बनाए गए पट्टों और पट्टे बनाने की फाइलों में भले ही चेयरमैन कालवा ने हस्ताक्षर न किए हो। लेकिन उन्हें पट्टे बनाए जानेे की जानकारी थी। इसके बावजूद उन्होंने इस गोरखधंधेे को रोकने की कोशिश नहीं की। इसका मतलब है कि इस सारे खेल उनका मूक समर्थन था।
पार्षद महेंद्र गोदारा पर आरोप
परिवादी भागीरथ ने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि महेंद्र गोदारा पार्षद है और उनकी माता श्रीमती परमेश्वरी देवी गोदारा भी वर्तमान में पार्षद है ऐसे में दोनों भाई ( महेंद्र व भानू गोदारा) नगरपालिका से हितबद्ध होने के कारण भूमि आवंटन का फायदा नहीं ले सकते हैं। गौरतलब है कि यदि किसी प्रकरण में हितबद्ध व्यक्ति है तो उसके लिए पालिका नियमानुसार अलग प्रक्रिया है । ऐसा मामला बोर्ड की बैठक में रखा जाना चाहिए तथा हितबद्ध व्यक्ति उस बैठक की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकता ।
कोरोना लॉकडाउन में बने अवैध पट्टों में ये भी है शामिल
1. पट्टा संख्या -03, अजय कुमार / श्री गिरधारी लाल जाति जाट, वार्ड नंबर -21, सूरतगढ़।
2. पट्टा संख्या -28, कृष्ण लाल / श्री धूंकलराम जाति बिश्नोई, वार्ड नंबर -27, सूरतगढ़।
3. पट्टा संख्या -32, राकेश कुमार/ श्री जयदेव जाति गुप्ता, वार्ड नंबर -20 सूरतगढ़।
4. पट्टा संख्या-41, पवन कुमार/ श्री सुखदेव सिंह जाति माली, वार्ड नंबर -10, सूरतगढ़।
5. पट्टा संख्या -42,मंगतू राम/ श्री बृजलाल जाति स्वामी , वार्ड नंबर- 26, सूरतगढ़।
6. पट्टा संख्या-43 बृजलाल/ श्री रामू दास जाति स्वामी, वार्ड नंबर -5,सूरतगढ़।
7. पट्टा संख्या- 45, राधाकृष्ण/ श्री खियांराम जाति ब्राह्मण, वार्ड नंबर-10 सूरतगढ़।
8. पट्टा संख्या-46, गोपी राम/ श्री रामेश्वर लाल गोदारा जाति जाट, वार्ड नंबर-10,सूरतगढ़।
9. पट्टा संख्या -48, गिरधारी लाल /श्री दूलचंद जाति शर्मा, वार्ड नंबर -39,सूरतगढ़।
10. पट्टा संख्या -32, ओमप्रकाश /श्री पूर्ण प्रकाश मोची, वार्ड नंबर-34 सूरतगढ़।
तबादलानामा- संदीप डांग S/0 श्री केवल कृष्ण डांग व सुखवंत चावला S/0 श्री हरप्रीत चावला, वार्ड नंबर 31 सूरतगढ़ को आनंद विहार कॉलोनी के एक भूखंड के बदले 15×25 साइज का इंदिरा सर्किल पर व्यावसायिक भूखंड ( भूखंड संख्या- 31)
सब रजिस्ट्रार भी है दोषी !
भागीरथ मेघवाल का आरोप है कि सब रजिस्ट्रार ने बिना दस्तावेजों की जांच किए और पट्टों पर चेयरमैन के साइन नहीं होने के बावजूद सब लॉकडाउन के दौरान बने पट्टों को पंजीकृत भी कर दिया, इसलिए भ्रष्टाचार के इस खेल में वह भी दोषी है ।
कार्रवाई नहीं होने पर धरने की चेतावनी
परिवादी भागीरथ ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर लॉकडाउन में बने इन पट्टों को जांच कर रद्द करने और पट्टा बनाने के दोषी अधिकारियों और लाभार्थियों के विरुद्ध मामला दर्ज करने की मांग की है। ज्ञापन में मेघवाल ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस मामले में जांच नहीं की गई तो वे एडीएम कार्यालय पर धरना देने पर मजबूर होंगे।
विपक्ष सहित राजनीतिक सूरमाओं के मुँह में जमा दही
इस पूरे प्रकरण में कांग्रेस और सत्ता पक्ष के नेता तथा भ्रष्ट अधिकारी सवालों के घेरे में है। इसके बावजूद विपक्ष के तमाम नेताओं को जैसे सांप सूंघ गया है, उनकी बोलती ही बंद है। लॉकडाउन में बने कोरोना पट्टों के मामले का खुलासा हुए एक माह होने को है। लेकिन क्या मजाल, जो बीजेपी या विपक्ष का कोई नेता निष्पक्ष जांंच की बात ही मुंह से निकाल दे। कभी पूर्व अधिशासी अधिकारी के विरुद्ध विधानसभा में आवाज बुलंद करने वाले रामप्रताप कासनिया की चुप्पी भी इस मामले में रहस्मय बनी हुई है। वर्तमान विधायक की चुप्पी के बीच दो अन्य पूर्व विधायक अशोक नागपाल और राजेंद्र भादू सत्तापक्ष के खिलाफ आवाज उठाएंगे, ऐसी उम्मीद कम ही है । वेेसे भी नेताजी की राजनीति कोरोना वारियर्स को फूल मालाएं पहनाने से ही चल रही है तो कौन पड़ोसियों से बैर मोल ले !
चैयरमेन कालवा ओर प्रशासन के लिए साख बचाने का आखिरी मौका
इस पूरे मामले में एक और चैयरमेन कालवा पर भ्रष्टाचार के तो वहीं प्रशासन खासकर एडीएम अशोक मीना पर कारवाई नही करने के सीधे आरोप लग रहे हैं । जाहिर है कि चैयरमेन और प्रशासन की किरकिरी हो रही है । ऐसे में पालिकाध्यक्ष को विवादित पट्टों के मामलों पर अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए और यदि उनकी कोई लिप्तता नहीं है तो स्वंय इस प्रकरण की समयबद्ध जांच करवानी चाहिए । वही एडीएम अशोक मीना को शीघ्र जांच कर दोषी अधिशासी अधिकारी और कर्मचारियों के विरुद्ध आपराधिक मुकदमे दर्ज करवाने चाहिए । वैसे जिले के नए कलेक्टर महावीर वर्मा भी प्रशासन से कम होती उम्मीदों के बीच इस मामले में दखल देकर निष्पक्ष जांच के आदेश देकर भी नई पहल कर सकते हैं । – राजेंद्र जैन


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