सूरतगढ़। नगरपालिका ईओ पूजा शर्मा अपनी विवादित कार्यशैली को लेकर चर्चा में है। गुरुवार को एक बार फिर इसकी बानगी देखने को मिली, ज़ब मैडम ने सत्ता पक्ष के नेताओं के दबाव में नियमों को धता बताते हुए पूर्व अध्यक्ष ओम कालवा को कुर्सी पर बिठा दिया। इस मामले में मैडम ने खुद को डीएलबी डायरेक्टर मान लिया और उच्चाधिकारियों से निर्देश लेने की जरूरत ही नहीं समझी।
कालवा के मामले में डबल बैंच के आदेश पर डीएलबी डायरेक्टर स्तर पर अग्रिम कार्रवाई हेतु निर्णय लिया जाना था। विभाग इस मामले में विधि विशेषज्ञों की राय लेकर जगदीश मेघवाल क़ो हटाकर आदेश की पालना में कालवा क़ो चार्ज देने का निर्णय लेता, इससे पहले ही ईओ पूजा शर्मा ने नियमों और कानूनी प्रक्रिया को ताक में रख दिया। ईओ शर्मा ने कोर्ट के निर्णय की आड़ में आनन फानन में ही जगदीश मेघवाल की जगह कालवा को चार्ज अज्यूम करवा दिया।
कार्यकाल कम होने से कालवा की चार्ज देने की नहीं थी संभावना !

क्योंकि नगरपालिका के वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल दो-चार दिन का ही बचा है ऐसे में संभावना यही थी कि विभाग कालवा को चार्ज ही नहीं देता ! इसके अलावा क्यूंकि विभाग द्वारा जगदीश मेघवाल को 60 दिन के लिए मनोनीत किया जा चुका था ऐसे में यह भी संभावना थी कि विभाग निर्णय के रिवयू या अपील पर भी विचार करता। लेकिन ईओ ने कालवा क़ो चार्ज दिलाने के लिए कानूनों तक की परवाह नहीं की।
मेघवाल का नियुक्ति आदेश वापस लिए बिना कालवा क़ो चार्ज से उठ रहे सवाल ?
बहरहाल स्वायत शासन विभाग द्वारा वर्तमान में जगदीश मेंंघवाल को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। ऐसे में जब तक विभाग द्वारा उक्त आदेश को प्रत्याहारित् नहीं किया जाता है और उच्च न्यायालय की खंडपीठ द्वारा दिए गए कालवा की बहाली के आदेश पर निर्णय नहीं लिया जाता है, तब तक पूर्व अध्यक्ष कालवा का पुन कार्य ग्रहणविधि सम्मत नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में अगर ओम कालवा अध्यक्ष के रूप में अगले एक-दो दिनों में जो भी निर्णय लेते हैं उनका लीगल स्टेटस क्या होगा यह भी बड़ा सवाल है।
शहर में पोपाबाई का राज, जनप्रतिनिधियों क़ो भेड़ों की तरह हाँक रही ईओ पूजा शर्मा
अपने करीब 9 माह के कार्यकाल में ईओ पूजा शर्मा यह जान चुकी है कि इस शहर में पोपा बाई का राज है। उन्हें पता है कि यहां के राजनीतिज्ञ और जनप्रतिनिधियों क़ो ना तो अपने अधिकारों की जानकारी है और ना ही सामान्य नियमों की, इसलिये वे कुछ भी करें उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। यही वजह है उन्होंने गत दिनों प्रमोशन के हकदार दर्ज़नो सफाईकर्मियों की बजाय अपनी रिश्तेदार क़ो नियमों क़ो मजाक बनाते हुए जमादार पद पर प्रमोशन कर दिया।
मजे की बात है कि इस अत्याचार पर न तो पक्ष और विपक्ष के नेताओं और जनप्रतिनिधियों की जुबान खुली है और न ही जिन लोगों के साथ यह अन्याय हुआ है उन लोगों ने भी भेड़ों की तरह गर्दन झुका ली है। भेड़ों का ज़ब जिक्र आया है तो यह भी जान ले कि ईओ पूजा शर्मा को भेड़ों क़ो हाँकने में महारत हासिल है। इसका नज़ारा हम पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया के पुत्र को स्कूल की भूमि आवंटन के मामले में हुई बोर्ड बैठक में देख चुके है। उस बैठक में ईओ पूजा शर्मा के इशारों पर शहर के चुने हुए जनप्रतिनिधि कठपुतली की तरह बेशर्म नाच दिखा रहे थे। तब इस बैठक में मैडम की कारगुजारियों का एक वीडियो भी काफी वायरल हुआ था।
भाजपा नेताओं ने की शिकायत, DLB डायरेक्टर और जिला कलेक्टर क़ो कराया अवगत
इस मामले के चर्चा में आने के बाद शुक्रवार सुबह स्थानीय भाजपा से जुड़े कुछ बड़े नेताओं ने डीएलबी डायरेक्टर और श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर डॉ मंजू से ईओ पूजा शर्मा की शिकायत की है। भाजपा नेताओं ने इस संबंध में डीएलबी डायरेक्टर से मार्गदर्शन लेने की मांग की है। साथ ही साथ उन्होंने DLB से आदेश नहीं आने तक अध्यक्ष कालवा को किसी भी तरह का निर्णय नहीं लेने देने की मांग की है।