विधायक डूंगरराम गेदर ने दोनों मामलों में जाँच की उठाई मांग

सूरतगढ़। खबर पॉलिटिक्स द्वारा उठाये गए ‘फ़र्ज़ी खातेदारी की आड़ में 5 करोड रुपए की सरकारी भूमि हड़पने के षड्यंत्र’ और ‘विवेकानंद स्कूल को 100 करोड़ रुपए की बेशकीमती भूमि आवंटन के मामलों की गूंज शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में भी सुनाई दी। सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गैदर ने इन दोनों मामलों को सदन के पटल पर रखते हुए जाँच की मांग की है।
शुक्रवार दोपहर को खबर पॉलिटिक्स पर ‘5 करोड रुपए की भूमि हड़पने की तैयारी, फर्जी खातेदारी की आड़ में किया जा रहा घोटाला…. शीर्षक से खबर प्रकाशित की गई थी। इस खबर के प्रकाशित होते ही सूरतगढ़ विधायक डूंगरराम गेदर ने मामले में संज्ञान लिया और देर शाम को ही विधानसभा सत्र के दौरान इस मामले को उठाया। गेदर ने विधानसभा में स्वायत शासन मंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि शहर के वार्ड नंबर-3 और 26 में जहां दशकों से लोग निवास कर रहे है उनको पट्टे नहीं दिए जा रहे है। जबकि भूमाफिया किस्म के लोगों को जमीनों के टायर लगाकर खातेदारी दें दी जाती है। गेदर ने कहा कि खातेदारी से पहले कब्जे की रिपोर्ट ली जाती है लेकिन भूमाफिया विभाग से मिलकर कागजों में हेरा फेरी करते हैं।
गेदर ने खसरा नंबर-315/2 का जिक्र करते हुए कहा कि 2015 में खातेदारी जारी करते समय इस खसरे को सनसिटी रिसोर्ट के पीछे बताया गया था, लेकिन अब इस खसरे को निरंकारी भवन के पीछे खसरा नंबर 315/1 की खाली पड़ी भूमि पर फिट किया जा रहा है। गेदर ने इस खसरे पर नगरपालिका द्वारा आवासीय योजना काटने की जानकारी भी सदन को दी। उन्होंने इस मामले में जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।
खबर पॉलिटिक्स द्वारा उठाये ‘विवेकानंद मॉडल स्कूल को भूमि का आवंटन’ मामले पर भी विधायक ने खड़े किए सवाल !

खबर पॉलिटिक्स पर हमने पिछले साल अगस्त माह में शहर की करीब 50 करोड़ रूपये की बेशकीमती भूमि पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया के पुत्र संदीप कासनिया के जाखड़ावाली के विवेकानंद मॉडल स्कूल को फ़र्ज़ी तरीके से आवंटन के मामले को भी जोर-जोर से उठाया था। इस मामले में हमने 25 अगस्त 2024 को ‘50 करोड़ से अधिक की भूमि की लूट की तैयारी, जनप्रतिनिधियों नें किया ईमान का सौदा? शीर्षक से खबर प्रकाशित कर मामले को उजागर किया था। इसी कड़ी में हमने 27 अगस्त को’50 करोड़ की लूट का फूटा भांडा,चोरी नहीं अब सीधे डकैती का प्रयास,नादान दलीलों से ध्यान भटकाने की कोशिश तो 28 अगस्त को जनता के नुमाइंदे चौकीदार या चोर ? बोर्ड बैठक में आज होगा फैसला ! और 29 अगस्त को ‘कांग्रेस के जयचंदों नें पास कराया प्रस्ताव, संस्कारी भी नहीं रहे पीछे, भाटिया सहित 7 पार्षदों नें निभाया धर्म‘ शीर्षक से लगातार समाचारों का प्रकाशन किया था।
खबर पॉलिटिक्स पर समाचारों के प्रकाशन के बाद शहर में यह मामला खूब चर्चा में भी रहा था। तब इस शहर का हर एक जिम्मेदार और ईमानदार नागरिक इस प्रस्ताव के गिरने की दुआ कर रहा था। ये और बात है कि जनता के चुने हुए नुमाईदों ने जनता का साथ नहीं दिया। कुछ ने चांदी के टुकड़ों के बदले जमीर गिरवी रख दिया तो कुछ ऐसे भी रहे जिनके शरीर में रीढ़ की हड्डी जन्म से ही नहीं थी । बहरहाल जनता की उम्मीदों के खिलाफ प्रस्ताव नगरपालिका बोर्ड की बैठक में पास हो भले ही हो गया लेकिन प्रस्ताव का समर्थन करने वाले जनप्रतिनिधि जनता की नज़रों में नंगे हो गए।
वैसे इस एपिसोड में सबसे ज्यादा नुकसान पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया का हुआ। जीवन भर ईमानदारी का दम्भ भरने वाले पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया की छवि उम्र के इस पड़ाव में न केवल दागदार हो गई, बल्कि इस प्रकरण ने यह भी साफ कर दिया कि कासनिया भी मोहमाया से दूर नहीं है। बहरहाल देर से ही सही विधायक डूंगरराम गेदर ने विधानसभा में उठाकर एक बार फिर इस मामले को चर्चा में ला दिया है।
शुक्रवार को इस मामले को विधानसभा में उठाते हुए गेदर ने कहा कि विवेकानंद स्कूल को धानमंडी व हाउसिंग बोर्ड के बीच स्थित भूमि के आवंटन का प्रस्ताव सन 2005 में ही नगरपालिका बोर्ड की बैठक में ख़ारिज कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय भी इस प्रस्ताव को विधिविरुद्ध मानकर निरस्त कर चुका है । लेकिन फिर भी नगरपालिका ने पिछले साल अगस्त में इस प्रस्ताव को पास कर दिया। गेदर ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस जमीन को पिछले साल जनवरी में लाइब्रेरी व सार्वजनिक कोचिंग संस्थान बनाने के लिए नीलामी का प्रस्ताव भी लिया जा चुका था। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा क्या लालच और दबाव है जो शहर के बीचों बीच स्थित 100 करोड रुपए की भूमि को निजी संस्था को फायदा पहुंचाने के लिए सौंपा जा रहा है ?
विधायक गेदर का विधानसभा में सम्बोधन का वीडियो
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-राजेंद्र पटावरी, अध्यक्ष -प्रेस क्लब, सूरतगढ़।