






सूरतगढ़। कांग्रेस नेता हनुमान मील नें शहर के आम नागरिकों से प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत ज्यादा से ज्यादा पट्टों के आवेदन करने की अपील की है। उनकी तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि पट्टों के मामले में अब एक रुपए की चोर बाजारी नहीं होने दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा है कि शहर की जनता का जायज काम बिना किसी लेन देन के करवाया जाएगा । कांग्रेस नेता ने शहरवासियों से आवासीय पट्टो के लिए ज्यादा से ज्यादा फाइलें नगरपालिका में जमा करवानें को कहा है ताकि कैंप लगाकर आवेदनों का निस्तारण किया जा सके।
वार्ड -3 व 26 के पट्टे नहीं बनाने के आरोपों पर साधा निशाना
विधायक रामप्रताप कासनिया व नगरपालिका अध्यक्ष ओम कालवा द्वारा वार्ड नंबर 3 और 26 में पट्टे नहीं बनाए जाने के आरोपों को हनुमान मील नें हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा है कि पट्टे जारी करने वाला व्यक्ति द्वारा पट्टे नहीं बनाने की बात कहना ही अपने आप में हास्यास्पद है । उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की यह कार्रवाई केवल “नोट और वोट” हासिल करने का एक नया तरीका था, इसके अलावा और कुछ नहीं। मील नें कहा कि शहर की जनता नकाब उतरने के बाद इनके चेहरे पहचान चुकी है।
कालवा पर एंपावर्ड कमेटी के निर्णय पर हस्ताक्षर नहीं कर राजनीति का जड़ा आरोप


कांग्रेस नेता हनुमान मील नें चेयरमैन ओम कालवा पर 2 फरवरी को हुई एंपावर्ड कमेटी की बैठक में हुए निर्णय पर हस्ताक्षर नहीं कर राजनीति करने का आरोप जड़ा है। एंपावर्ड कमेटी की बैठक का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 2 फरवरी की कमेटी की बैठक में वार्ड 3 और 26 में विवादास्पद जगहों को छोड़ते हुए अन्य सभी जगह पट्टे बनाए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो चुका था। उन्होंने चेयरमैन कालवा पर आरोप लगाते हुए कहा कि सवा माह गुजरने के बाद भी एक और तो कालवा ने आज तक एंपावर्ड कमेटी के उस निर्णय पर अपने हस्ताक्षर नहीं किए है दूसरी तरफ बेशर्मी से प्रशासन को पट्टे नहीं बनाने की शिकायत की जा रही है।
विधायक रामप्रताप कासनिया और चेयरमैन कालवा पर खड़े हो रहे सवाल
कांग्रेस नेता हनुमान मील द्वारा 2 फरवरी की एंपावर्ड कमेटी की बैठक की फोटो प्रति सार्वजनिक किए जाने के बाद विधायक रामप्रताप कासनिया और चेयरमैन ओम कालवा पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि एंपावर्ड कमेटी की बैठक में दोनों वार्डों में विवादित जगहों को छोड़कर पट्टे जारी करने का फैसला किया जा चुका था,तो ऐसे में दोनों नेताओं का पालिका ईओ पर पट्टे नहीं बनाने का आरोप ही बेमानी हो जाता है। इसके अलावा क्योंकि खातेदारी का मामला राजस्व विभाग से जुड़ा है और खातेदारी को निरस्त करना राजस्व प्रशासन के हाथ में है तो फिर पालिका प्रशासन पर आरोप क्या महज राजनीति नहीं है ?
सवाल यह भी है कि विधायक रामप्रताप कासनिया जमीनी मामलों के जानकार हैं उन्हें तो यह ज्ञान भी है। फिर क्यों वे राजस्व विभाग से प्रभावशाली लोगों को दी गई खातेदारी को रद्द करने की मांग करने की बजाय चेयरमैन कालवा के बनाये ट्रेप में फँसकर ईओ पर पट्टा नहीं बनाने के आरोपों की राजनीति में शामिल हो गए ?
वैसे अगर देखा जाये तो पट्टे नहीं बनने को लेकर विरोध का अधिकार स्थानीय भाजपा और उनके नेताओं को नहीं है। क्यूंकि पिछले डेढ़ साल से इन्ही मास्टर ओमप्रकाश कालवा के राज में ज़ब शहर की जनता पट्टे नहीं बनाने को लेकर आंसू बहा रही थी तब विधायक कासनिया सहित भाजपा और उसके नेता शुतुरमुर्ग की तरह रेत में मुंह दबाये बैठे रहे थे। खैर देखना होगा की इस मामले में कांग्रेस नेता के आरोपों पर भाजपा नेताओं की सफाई आती है या फिर 4 साल से शहर की बर्बादी पर खामोश रहे भाजपा के झंडाबरदारों की चुप्पी जारी रहती है।
–राजेंद्र पटावरी, उपाध्यक्ष-प्रेस क्लब, सूरतगढ़।