विधायक रामप्रताप कासनिया ने फिर जड़े कांग्रेस नेताओं पर गंभीर आरोप,11 सूत्री मांगों को लेकर दिया 5 दिन का अल्टीमेटम

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पार्षद पति-ईओ विवाद को लेकर एडीएम जाखड़ ने की समझाइश

सूरतगढ़। पार्षद पति रिंकू सिद्दीकी द्वारा नगरपालिका ईओ शैलेंद्र गोदारा के साथ दुर्व्यवहार के आरोपों को लेकर शहर की राजनीति गरमाई हुई है। शनिवार को विधायक रामप्रताप कासनिया के नेतृत्व में भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में एडीएम अरविन्द जाखड़ से मुलाकात कर 11 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। विधायक सहित तमाम नेताओं ने शहर की सफाई, लाइट व्यवस्था, निर्माण कार्यों के टेंडर जारी करने व पट्टे बनाने और अतिक्रमण हटाने के संबंध में पालिका अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।

इस दौरानपूर्व विधायक अशोक नागपाल, राजेंद्र भादू, नगरपालिका चेयरमैन मास्टर ओमप्रकाश कालवा, नगरमंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष शरणपाल सिंह मान, आरती शर्मा, पूर्व नगरपालिका चेयरमैन काजल छाबड़ा, जिला महामंत्री लालचंद शर्मा, पार्षद हरीश दाधीच, राजीव चौहान, कृष्ण छिम्पा सहित बड़ी संख्या में भाजपा नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

पार्षद पति और ईओ विवाद को लेकर हुई वार्ता

भाजपा नेताओं ने प्रदर्शन के दौरान पार्षद पति रिंकू सिद्दीकी के मामले से एडीएम को अवगत कराते हुए ईओ को मौके पर बुलाने की मांग रखी। जिसके बाद ईओ शलेंद्र गोदारा के पहुंचने पर एडीएम कक्ष में दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई।

वार्ता में एडीएम जाखड़ ने पार्षद पति रिंकू सिद्दीकी और अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र गोदारा से घटना क्रम की जानकारी ली। मामले में अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र गोदारा ने राजनीति के आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई शिकायत नहीं की है और पालिका कर्मचारियों द्वारा घटना के विरोध में ज्ञापन की कार्रवाई अपने स्तर पर की गई है। बाद में एडीएम जाखड़ ने दोनों पक्षों को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने की नसीहत देते हुए मामले को तूल नहीं देने की बात कही।

विधायक कासनिया ने कांग्रेस नेताओं पर जड़े गंभीर आरोप

एडीएम कार्यालय में हुई वार्ता के दौरान विधायक रामप्रताप कासनिया और चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा ने एक बार फिर कांग्रेस नेताओं पर कई  गंभीर आरोप जड़े। वार्ड नंबर 3 और 26 और 45 में विधायक कासनिया ने पट्टे नहीं बनाने के आरोप लगाए। ईओ गोदारा द्वारा राजस्व विभाग द्वारा निजी खातेदार की तरमीम होने का तर्क दिया तो विधायक कासनिया ने खसरा नंबर 320 में खसरा नंबर 315/2 की फर्जी खातेदारी फिट करने का आरोप लगाया। उन्होंने पूर्व विधायक के पुत्र के नाम पर जमीन को अन्य व्यक्ति के नाम रजिस्ट्री कराने का भी आरोप जड़ दिया। विधायक कासनिया ने फर्जी खातेदारी निरस्त कर लोगों को पट्टा देने की मांग की

वार्ता के दौरान विधायक कासनिया में नगरपालिका के ARI कालूराम सैन को भी अतिक्रमण को लेकर भेदभाव बरतने का आरोप जड़ा, साथ ही उन्होंने कालूराम सैन पर कार्यवाहक ईओ के रूप में काम करते हुए सत्ता पक्ष के नेताओं के फर्जी नामांतरण दर्ज करने का भी आरोप लगाया।

                   वहीं विधायक कासनिया ने कांग्रेस के एक नेता पर पालिका अधिकारियों की बैठक लेने का भी आरोप लगाया। उन्होंने सवाल किया कि किस अधिकार से बाहर का व्यक्ति पालिकाकर्मियों की बैठक ले रहा है ?

          इस दौरान ईओ शैलेंद्र गोदारा ने चेयरमैन ओमकालवा पर नंदीशाला में तूड़ी के टेंडर और भुगतान लटकाने, शहर के 45 वार्डों के विकास कार्यों के टेंडर लटकाने का आरोप लगाया। जिसके बाद ईओ और चेयरमैन कालवा ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। इस पर कार्यालय से संबंधित सवालों का ईओ शैलेंद्र गोदारा ने जवाब देने से इंकार कर दिया।

                वार्ता के दौरान पूर्व विधायक राजेंद्र भादू, अशोक नागपाल, पूर्व नगरपालिका चेयरमैन आरती  शर्मा, काजल छाबड़ा, नगरमंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष शरण पाल सिंह मान सहित सभी नेताओं ने बिना भेदभाव के शहर का विकास करने की मांग की।

11 सूत्री मांगों को लेकर दिया 5 दिन का अल्टीमेटम

भारतीय जनता पार्टी की ओर से एडीएम अरविंद जाखड़ को दिए गए ज्ञापन में अतिक्रमण को लेकर भेदभाव पूर्ण नीति अपनाने, शहर की सफाई और लाइट व्यवस्था खराब होने, वार्डों में भेदभाव पूर्ण विकास कार्य होने, वार्ड नंबर 3,26 और 45 में पट्टे नहीं बनाए जाने और पूरे शहर में पात्र व्यक्तियों को पट्टे नहीं देने, वार्डों में टूटी हुई सड़कों व नालियों का निर्माण नहीं करवाने, चहेते ठेकेदारों से कोटेशन पर काम करवाने, पार्षदों को डराने और झूठे मुकदमे करवाने का दबाव बनाने, पालिका अध्यक्ष को ईओ कार्यालय द्वारा सहयोग नहीं करने, सफाई कर्मचारियों से नियम विरुद्ध विभिन्न शाखाओं में काम करवाने और भूखंडों के नामांतरण, पानी बिजली व निर्माण के साथ कृषि भूमि की एनओसी देने में नियम विरुद्ध कार्य करने का आरोप लगाया। 5 दिन में कार्रवाई नहीं होने पर भाजपा की ओर से आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है।

खबर पॉलिटिक्स रिमार्क

कुल मिलाकर शहर में नगरपालिका को लेकर कांग्रेस और भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान से शहर और शहर की आम जनता का भारी नुकसान हो रहा है। पिछले कुछ सालों से नगरपालिका में चल रही राजनीति के चलते आम आदमी के साथ-साथ पालिका के कर्मचारी भी चक्की के दो पाटों के बीच पिस रहे हैं और पालिका के ईमानदार कर्मचारी चाहते हुए भी शहर के विकास में योगदान नहीं दे पा रहे हैं। इसलिये शहर के विकास के लिए दोनों पार्टियों के नेताओं को अब बड़े मन से काम करना चाहिए जिससे कि आने वाले समय में शहर की सूरत बदल सके। दोनो पक्षों के नेता ये ध्यान रखे कि शहर की दुर्गति के बीच लिखे जा रहे इतिहास में कहीं आपको भी खलनायक के रूप में याद न किया जाए।   

– राजेंद्र पटावरी, उपाध्यक्ष-प्रेस क्लब,सूरतगढ़।

 

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