
मजमा देखना पड़ गया भारी,थर्मल से चोरी स्क्रैप से भरी बोलेरो पकड़ी
थर्मल प्रबंधन और सीआईएसएफ अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है स्क्रैप चोरी का गिरोह ?

सूरतगढ़। सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट से स्क्रैप चोरी का गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा है। परन्तु थर्मल प्रशासन और सीआईएसएफ की मिलीभगत के चलते अधिकांश मामले बाहर ही नहीं आ पाते। लेकिन प्लांट प्रबंधन और सीआईएसएफ की बदकिस्मती कहें या फिर चोरों की, 2 दिन पूर्व सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट से स्क्रैप चोरी का मामला फिर सामने आ गया। प्लांट से स्क्रैप भरकर निकली बोलेरो में सवार चोरों को मजमा देखना भारी पड़ गया और वे पुलिस के हत्थे चढ़ गए। जिसके बाद प्लांट से स्क्रैप चोरी का मामला उजागर हो गया।
सूत्रों के अनुसार हुआ यूं कि 31 दिसम्बर को सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट से 0208 नंबर की बोलेरो गाड़ी में स्क्रैप भरकर चोर प्रबंधन और सीआईएसएफ की मेहरबानी से चोरी किए गए स्क्रैप को ठिकाने लगाने के लिए सूरतगढ़ की ओर रवाना हुए। देर शाम को जब चोर शहर के इंदिरा सर्किल के पास पहुंचे तो अपेक्स हॉस्पिटल के पास दो पक्षों में झगड़ा हो रहा था। क्योंकि हम भारत के लोग मजमे के बड़े शौकीन हैं तो कहीं भी भीड़ लगी हो तमाशा देखने लग जाते हैं। तो बोलेरो में सवार चोरों ने भी अपनी गाड़ी रोक दी और झगड़ा देखने लग गये। इस बीच झगड़े में मार खाने वाले एक पक्ष को बोलेरो में दूसरे पक्ष के बदमाश होने का शक हो गया। जिसके बाद किसी ने सूरतगढ़ सिटी पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर सिटी थाना पुलिस ने मौके पर पहुंच बदमाशों से पूछताछ की तो बदमाश बोलेरो में भरे स्क्रैप को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। थर्मल प्लांट का स्क्रैप होने के संदेह के चलते सिटी पुलिस ने थर्मल पुलिस चौकी और राजियासर थाना पुलिस को सूचना दे दी।
हालांकि सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने मौके से दो व्यक्तियों को पकड़ा था लेकिन एक व्यक्ति पर ही कार्रवाई की गयी और वह भी शांति भंग के आरोप में। इस मामले में पुलिस ने थर्मल से चोरी का स्क्रैप होने की बात जानते हुए हुए भी मामले की तह में न जाकर शांति भंग के आरोप में ही कार्रवाई को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे है ?
क्रिटिकल थर्मल प्लांट प्रबंधन और सीआईएसएफ की भूमिका संदिग्ध
इस मामले में सीआईएसएफ और प्लांट प्रबंधन की भूमिका भी संदिग्ध है। क्योंकि जब इस मामले में प्लांट के मुख्य अभियंता एके बोहरा से अगले दिन बात की गई तो उनका कहना था कि सीआईएसएफ मामले की जांच कर रही है उन्हें अभी पता नहीं है कि स्क्रैप किस प्लांट का है ? प्लांट के मुख्य अभियंता की यह बयांन अपने आप में ही संदेह पैदा करता है। क्योंकि यह बात तो बच्चे बच्चे को मालूम है कि स्क्रैप सुपर क्रिटिकल थर्मल प्लांट का है। इसके अलावा सवाल यह भी है कि क्या सीआईएसफ को घटना के 24 घंटे बाद भी पता नहीं चला कि 0208 नंबर की बोलेरो किस प्लांट में घुसी और निकली है। जबकि प्लांट में आने जाने वाले प्रत्येक वाहन की गेट पर खुद सीआईएसफ द्वारा एंट्री की जाती है ? इसके अलावा सीआईएसफ अधिकारियों की मिलीभगत का सवाल इसलिए भी उठता है कि आखिर 0208 नंबर की जिस बोलेरो से स्क्रैप चोरी हुआ है वह गाड़ी अनुबंधित ही नहीं थी तो फिर बिना अनुबंध के गाड़ी को सीआईएसएफ ने थर्मल में एंट्री क्यों और किसके दबाव में दी ?
साफ है कि प्लांट प्रबंधन और सीआईएसफ के कुछ अधिकारी भी कहीं ना कहीं चोरी के इस नेक्सस के साथ इंवॉल्व है। प्लांट प्रबंधन की चोरी के इस गंभीर मामले में चुप्पी को देखते हुए लगता यही है कि प्रबंधन और सीआईएसफ इस मामले को दबाना चाहता है।
गंभीर जांच से हो सकता है बड़ा खुलासा, कई चेहरे हो सकते हैं बेनकाब ?
थर्मल प्लांट से बोलेरो गाड़ी में स्क्रैप चोरी के इस मामले में प्लांट प्रबंधन, सीआईएसएफ और राजियासर पुलिस का जिस तरह का रवैया रहा है, उससे लगता नहीं है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो पाएगी। सूत्रों की माने तो प्लांट से चोरी किये गये इस स्क्रैप को किसी कबाडिये का बताकर मामले को सेटल करने की तैयारी चल रही है। जिसका सीधा सा अर्थ है कि स्क्रैप चोरी के इस मामले को भी दबा दिया जाएगा। हालांकि मीडिया में आने के चलते इस मामले को दबाना प्लांट प्रबंधन पर भारी भी पड़ सकता है।
थर्मल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक थर्मल के नजदीक लगते गाँवो में स्क्रैप चोरी करने वाले गिरोह के तार जुड़े हुए हैं। इन लोगों ने प्लांट में गाड़ियां अनुबंधित कर रखी है या फिर इन गाड़ियों के चालकों से सेटिंग कर रखी है और इन्ही अनुबंधित गाड़ियों से थर्मल से स्क्रैप चोरी कर सीआईएसफ अधिकारियों से मिलीभगत कर बड़ी आसानी से बाहर लाया जाता है। वैसे जिस 0208 नंबर की बोलेरो गाड़ी का स्क्रैप चोरी के ताजा मामले में इंवॉल्वमेंट सामने आ रहा है वह गाड़ी थर्मल के नजदीक करड़ू गांव के किसी व्यक्ति की है जो गत वर्ष प्लांट में अनुबंधित बताई जा रही है ।
बहरहाल तमाम सवालों के बीच अगर इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए तो थर्मल से स्क्रैप चोरी के चोरी के बहुत बड़े गिरोह का खुलासा हो सकता है। इसके साथ ही प्लांट प्रबंधन और सीआईएसएफ के कई अधिकारी जो कि चोरी के माल को डकारे जा रहे हैं उनका काला चेहरा भी सामने आ सकता है।
– राजेंद्र पटावरी (जैन), उपाध्यक्ष-प्रेस क्लब,सूरतगढ़।