सीवरेज मामलें मे जाँच अब सीआईडी सीबी नही पुलिस करेगी :सूत्र
सूरतगढ़। प्रदेश की दूसरी नगरपालिकाओं के अध्यक्षों के निलंबन के बाद सूरतगढ़ नगरपालिका के चेयरमैन मास्टर ओमप्रकाश कालवा पर निलंबन की तलवार लटक रही है। स्वायत शासन विभाग ने चेयरमैन कलवा के खिलाफ लंबित मामलों को लेकर अब जांच का शिकंजा कस दिया है। ऐसे में यह लगने लगा है कि चेयरमैन कालवा के खिलाफ जल्द ही विभाग कोई बड़ा फैसला ले सकता है। हालांकि सीवरेज घोटाले की कार्यवाही को चेयरमैन कालवा न्यायालय में ले जाकर कुछ दिनों के लिए लटकाने में सफल हो गए हैं। इस मामले में न्यायालय ने विभाग को कोई भी कार्रवाई करने से पूर्व अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। लेकिन पूर्व नगरपालिका चेयरमैन बनवारी लाल मेघवाल की गत दिनों की गई शिकायत पर जिला प्रभारी सचिव भवानी सिंह देता ने जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। प्रभारी सचिव ने स्वायत शासन विभाग के शासन सचिव को पत्र लिखकर पूर्व चेयरमैन द्वारा की गई शिकायतों की जांच कर कार्रवाई के लिए लिखा है।

उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव व जिला प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा के आदेश को देखते हुए यह लग रहा है कि अगले कुछ दिन नगरपालिका चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा के लिए भारी रहने वाले हैं। क्योंकि पूर्व चेयरमैन द्वारा जिन मामलों की शिकायत की गई है उनमें से एलईडी लाइट के मामले में जिला कलेक्टर ने जांच करवाकर चेयरमैन कालवा को दोषी मानते हुए पहले ही कार्रवाई की अनुशंसा कर दी है।
चेयरमैन ओम कालवा की हो सकती है गिरफ्तारी ?
वही सीवरेज घोटाले की प्रशासनिक जांचों का मामला भले ही उच्च न्यायालय में लंबित चल रहा है। लेकिन इस मामले में चल रही पुलिस जांच में भी चेयरमैन कालवा के लिए बुरी खबर है। सूत्रों के मुताबिक सीवरेज मामले में दर्ज एफआईआर की जाँच चेयरमैन कालवा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सीआईडी सीबी से करवाने के आदेश करवा लिए थे। लेकिन अब एडीजी ने उक्त मामले की जांच सीआईडी सीबी से वापस लेकर बीकानेर आईजी को भेज दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि चेयरमैन ओम कालवा पुलिस जांच मे एक बार फिर घिर सकते हैं। अगर पुलिस दूसरी जांच एजेंसियों की तरह चेयरमैन कालवा को सीवरेज मामले में दोषी मानती है तो उनकी गिरफ्तारी लगभग तय है।
पूर्व चेयरमैन बनवारीलाल मेघवाल ने इन मामलों में की थी शिकायत
गत दिनों जब जिला प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा सूरतगढ़ पहुंचे थे तब पूर्व चेयरमैन बनवारीलाल मेघवाल के नेतृत्व में पार्षदों ने चेयरमैन ओम कालवा के खिलाफ शिकायत कर निलंबन की मांग की थी। इस शिकायत में पूर्व चेयरमैन बनवारीलाल मेघवाल ने सीवरेज निर्माण मे रोक के बावजूद बिना सेप्टिक टैंक तोड़े 160 करोड रुपए के भुगतान, एलइडी लाइट खरीद के मामले में करीब 18 लाख रुपए के घोटाले, पालिका क्षेत्र में फोल्डिंग टेंडर में गड़बड़ी कर नगरपालिका को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाने और चहेती कंपनी से सांठगांठ कर नगरीय विकास कर के सर्वे के टेंडर में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया था।
इसके अलावा पूर्व चेयरमैन ओम कालवा पर प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे जारी नहीं करने, एंपावर्ड कमेटी की बैठक नहीं बुलाने और पालिका के ठेकेदारों को भुगतान के चेकों पर साइन नहीं कर शहर का विकास अवरुद्ध करने का आरोप लगाया था।
भाजपा की भी बढ़ेगी मुश्किलें
भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा पर अगर स्वायत शासन विभाग द्वारा निलंबन या कोई अन्य कार्रवाई की जाती है तो निश्चित तौर पर भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ेगी। क्यूंकि विधायक रामप्रताप कासनिया की भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद चेयरमैन कालवा को पार्टी में शामिल करने में सहमति रही है ऐसे मे भाजपा नेताओं खासकर विधायक रामप्रताप कासनिया के लिए फेस सेविंग करना मुश्किल होगा। वैसे भी चेयरमैन कालवा को पार्टी में शामिल करने का अंदर खाने विरोध हो रहा था ।