सरपंच पपली देवी की प्रैस वार्ता, सरपंच पुत्र ने कहा : परेशान होकर दिया इस्तीफा

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सूरतगढ़ (16 सितंबर 23)। ग्राम पंचायत 13 एसडी में अतिक्रमण हटाने को लेकर चल रहे विवाद को लेकर राजनीति गर्म है। मामले में कांग्रेस नेता हनुमान मील ने गत दिनों प्रेस वार्ता कर सरपंच पपली देवी और उनके पुत्र महावीर मेघवाल के आरोपों का जवाब दिया था। अब एक बार फिर सरपंच पपली देवी व उनके पुत्र महावीर मेघवाल ने मील द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रेस वार्ता की है।

गांव 13 एसडी में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के मौजूदगी में सरपंच पुत्र ने विवादित भूमि के मामले में प्रधान हजारीराम मील और कांग्रेस नेता हनुमान मील पर भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए पंचायत की भूमि को बचाने के लिए मरते दम तक लड़ने की बात कही है ।

दस्तावेजों के साथ दी प्रकरण की जानकारी

प्रेस वार्ता सरपंच पपली देवी के पुत्र महावीर ने कहा 13 एसडी पंचायत को आवंटित 5 बीघा पर 2014 में भूमाफियों द्वारा किये गए अतिक्रमणो को तात्कालिक एसडीएम रामचंद्र पोटलिया द्वारा हटाने की कार्रवाई की गई थी। इसके बाद प्रशासन द्वारा सीमा ज्ञान करवाकर यह भूमि पंचायत को सौंप दी गई थी। सरपंच पुत्र ने बताया कि पिछले सरपंच के कार्यकाल में इस भूमि पर उन्ही में से कुछ भूमाफियाओं को फिर कब्ज़ा करवा दिया गया।

महावीर मेघवाल ने कहा कि 2021 में उनकी माँ पपली देवी ने सरपंच बनने के बाद अतिक्रमण हटाने के लिए पंचायत की साधारण सभा में 3 बार प्रस्ताव लाकर अतिकर्मियों को नोटिस जारी किए। लेकिन भूमाफियों ने न्यायालय से स्टे लें लिया। परन्तु बाद में पंचायत द्वारा प्रस्तुत किए गए तथ्यों के आधार पर पंचायत के अतिक्रमण हटाने के आदेश को सही बताते हुए न्यायालय ने स्टे वापस लें लिया। सरपंच पुत्र ने कहा कि इसके बाद भूमाफियाओ ने सिविल कोर्ट के आदेश को छुपाते हुए सूरतगढ़ एडीएम से स्टे लिया। लेकिन सिविल न्यायालय के आदेश प्रस्तुत करने पर एडीएम ने भी स्टे को ख़ारिज कर दिया ।

स्टेडिंग कमेटी ने नियम विरुद्ध दिया स्टे, सीईओ ने किया निरस्त : सरपंच पुत्र

महावीर मेघवाल के अनुसार जब ADM का स्टे हटने के बाद उन्होंने फिर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की तो कब्ज़ाधारियों को बचाने के लिए प्रधान हजारीराम मील ने नियम विरुद्ध तरीके से पंचायत समिति की स्टैंडिंग कमेटी में आनन फानन में अतिक्रमण हटाने पर स्टे का प्रस्ताव पारित करवा दिया।

सरपंच पुत्र के मुताबिक इसके बाद उन्होंने जिला कलेक्टर और जिला परिषद CEO से पंचायत समिति के प्रस्ताव की शिकायत की तो सीईओ मोहम्मद जुनैद ने प्रस्ताव को नियम विरोध करते हुए खारिज कर दिया। लेकिन इसके बाद फिर सत्ताधारी नेताओं के संरक्षण के चलते ये माफिया डबल आरएए कोर्ट से स्टे ले आये है।

पंचायत के विकास में अड़ंगा लगाने का लगाया आरोप

सरपंच पुत्र महावीर ने आगे कहा कि पंचायत इस बेशकीमती भूमि से अतिक्रमणों को हटाकर भूमि पर विभिन्न योजनाओं के तहत भवन आदि निर्माण करना चाहती हैं। लेकिन प्रधान हजारी राम मील और उनके पुत्र रंजीशवस पंचायत की कार्रवाई में अड़ंगा लगा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस भूमि पर बाबा साहब अंबेडकर के नाम से भवन व अन्य निर्माण प्रस्तावित है। जो कब्जा हटाने पर ही संभव है। उन्होंने कहा कि विवादित 5 बीघा भूमि पर केवल सात लोगों द्वारा दुकाने बनाकर कब्जा किया गया है। जिनका नियमन संभव नहीं है।

विवादित भूमि के पास ही सड़क पर स्थित सात बीघा भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाने और पट्टे जारी करने के आरोपों का जवाब देते हुए सरपंच पुत्र ने कहा कि उक्त सात बीघा भूमि का आवंटन अलग से हुआ है। उक्त भूमि पर केवल मकान बने हुए हैं जिनके कुछ पट्टे पंचायत द्वारा जारी किए गए हैं।

पट्टों के बदले पैसा मांगने के आरोपों से किया इनकार

प्रैस वार्ता के दौरान सरपंच पुत्र ने पट्टे के बदले पैसे मांगने के आरोपों पर कहा कि जब उन्होंने कांग्रेस नेता द्वारा जमीन के बदले 7 करोड रुपए का प्रस्ताव ठुकरा दिया तों फिर में ऐसा क्यों करूंगा ? आरोपों को लेकर उनका तर्क था कि जीभ में कोई हड्डी तो है नहीं इसलिये कोई कैसा भी आरोप लगा सकता है ! महावीर मेघवाल ने यह भी बताया कि उन्हें दुकानदारों की तरफ से पट्टे बनाने के लिए 1 लाख रूपये का लालच भी दिया गया। लेकिन उन्होंने लालच में नहीं आकर जमीन को बचाने का संघर्ष जारी रखा। उन्होंने कहा कि इस जमीन को बचाने के लिए वह कोई भी कुर्बानी करने को तैयार है।

जातिवाद और लोगों के काम नहीं कराने के सवाल पर दिखाये दस्तावेज

इसके अलावा मेघवाल ने अन्य जातियों के लोगों के काम नहीं करने के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि हमने कभी किसी समाज के लोगों के काम में अड़चन नहीं डाली और हर वर्ग का काम प्राथमिकता से किया है। सरपंच पुत्र ने हनुमान मील की प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरपंच पर उनके काम नहीं करने आरोप लगाने वाले लोगों के वे वारिसनामें और तस्दीक संबंधी दस्तावेज दिखाए जो पंचायत द्वारा जारी किए गए थे।

पंचायत में करवाये कामों का भुगतान नहीं करने का जड़ा आरोप

सरपंच पुत्र महावीर मेघवाल ने बताया कि उनके द्वारा पंचायत में करवाये गए 41 लाख के कामों के भुगतान प्रधान हजारी मील द्वारा रंजिशवश नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि उनके काम अटकने के लिए पंचायत में पांच वीडीयो बदल दिए गए। उनके कामों की AS, TS नहीं करवाई गई। सरपंच पुत्र का कहना था कि वे लगातार पंचायत समिति और अधिकारियों के चक्कर काटते रहे लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

सरपंच पुत्र मेघवाल ने कहा कि इसके उनके परिवार की भूखे मरने की नौबत आ गई है। उन्होंने पंचायत में करवाए गए कामों के पूर्व और बाद के चित्र भी प्रेस के सामने रखें। उन्होंने कहा कि मुझ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जा रहा है लेकिन हमने अभी तक कोई भुगतान नहीं उठाया है। अधिकारी मेरे द्वारा काम की TS करवाए अगर मेरा काम कम है या सही नहीं है तो में बकाया काम करवाने को तैयार हूं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अधिकारी जितना कार्य हुआ है कम से कम उसका बिल तो बनाये ?

परेशान हो कर दिया इस्तीफा

सरपंच पपली देवी और उनके पुत्र महावीर मेघवाल ने इस्तीफा के सवाल पर कहा कि उनकी ग्राम पंचायत 13 एसडी के साथ प्रधान हजारी राम मील द्वारा हमेशा सौतेला व्यवहार किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब पंचायत में विकास कार्य करवाने चाहे तब तब उन्हें परेशान किया गया। उन्होंने कहा उनकी मां के लगातार सात दिन भूख हड़ताल के बाद भी राजनितिक दबाव के चलते कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। इसी वजह से दुखी होकर उनकी माँ सरपंच पपली देवी ने उपसरपंच, ग्राम सहकारी समिति के उपाध्यक्ष, सदस्यों और वार्ड पंचों ने पद से इस्तीफा दे दिया।

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