सूरतगढ़। सूरतगढ़ नगरपालिका के चेयरमैन मास्टर ओमप्रकाश कालवा ने सीवरेज घोटाले को लेकर लगे आरोपों पर जांच में दूध का दूध और पानी का पानी होने का दावा किया है। शनिवार को भाजपा पार्षदों द्वारा लगाए गए धरने को हटाने के लिए पहुंचे कालवा ने कहा कि मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग जायज है। कालवा ने कहा कि “मैं हर तरह की जांच के लिए प्रयासरत रहूंगा और उन्हें किसी भी प्रकार का डर नहीं है।” कालवा का कहना था कि “अगर मैंने गलत किया होता या डर होता तो में आज सत्ता पक्ष को छोड़कर विपक्षी पार्टी में नहीं आता”। कालवा बोले कि “यह मेरी विल पावर है,मैंने गलत नहीं किया है और मुझे पूर्ण विश्वास है और इसीलिए मैं यहां आया हूं।”।
इससे पहले शुक्रवार को भाजपा में शामिल होने के बाद मीडिया को दिए गए बयानों में चेयरमैन कालवा ने मील परिवार पर गलत कामों को करने के लिए दबाव बनाने का सनसनीखेज आरोप लगाया था साथ ही उन्होंने काम नहीं करने देने के भी आरोप मील परिवार पर लगाए थे। हालांकि चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा ने उन गलत कामों,जिन्हें करने के लिए दवाब बनाने का आरोप वे लगा रहे थे, के बारे में कोई जानकारी नहीं दी। लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मामला किसी जमीन संबंधित विवाद से जुड़ा है। हालांकि चेयरमैन कालवा के आरोपों को लेकर मील परिवार द्वारा अभी तक कोई सफाई नहीं दी गई है।
बहरहाल मील परिवार पर चेयरमैन कालवा द्वारा लगाए गए आरोप काफी सनसनीखेज है। चेयरमैन कालवा द्वारा भाजपा में शामिल होने और इन आरोपों से मील परिवार को राजनीतिक रूप से काफी बड़ा नुकसान पहुंचा है। चुनावी साल में चेयरमैन कालवा का कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लेना व्यक्तिगत रूप से मील परिवार के लिए बड़ी शिकस्त है। क्योंकि राजनीति में किसी भी राजनेता की छवि के बड़े मायने होते हैं। इसलिये चेयरमैन कालवा के आरोपों को लेकर चल रही अफवाहों को विराम देने के लिए मील परिवार को सामने आना चाहिए।