‘कोविड-19 के बाद सामाजिक परिदृश्य में बदलाव’ विषय पर आयोजन
सूरतगढ़। माता जीतोजी कन्या महाविद्यालय सूरतगढ़ व वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय उच्चतर शिक्षा विभाग भारत सरकार के सहयोग से “कोविड-19 सामाजिक परिदृश्य में बदलाव ” विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
वेब संगोष्ठी के समापन सत्र में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर की इतिहास विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर मेघना शर्मा, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर अनुजा, भगवंत यूनिवर्सिटी अजमेर के कुलसचिव डॉक्टर दिनेश मंडोत व प्रख्यात पत्रकार व चिंतक प्रमोद भार्गव ने विषय के विविध पक्षों पर प्रकाश डालते हुए जहां एक और कोविड-19 के नकारात्मक पक्षों को रेखांकित किया वहीं इस वैश्विक महामारी के दौरान समाज में हुए कुछ सकारात्मक बदलाव पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।


तीन दिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी का उद्घाटन जगदानंद संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर के पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनोद शास्त्री ने किया। उद्घाटन सत्र में दिल्ली विश्वविद्यालय से संबंध दयाल सिंह कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ विजय कुमार वर्मा ने संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि विश्व महामारियो की जद में पहले भी आता रहा है, लेकिन कोविड-19 ने पूरी मानव जाति को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर छोटे-बड़े देश का हर छोटा-बड़ा नागरिक किसी न किसी रूप में इस महामारी से प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौरान मध्यम वर्ग के दो ऐसे रूप निकल कर आए जिसमें एक अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा था तो दूसरा संवेदनहीनता की निम्न स्तर तक जाने वाला मध्यमवर्ग था। उद्घाटन सत्र में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से संबद्ध बसंता गर्ल्स कॉलेज राजघाट वाराणसी की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति सिंह ने ऑनलाइन शिक्षा की समस्या, चुनौतियां और संभावना विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। दयाल सिंह कॉलेज नई दिल्ली के इतिहास विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अशोक कुमार सिंह ने महामारी के ऐतिहासिक संदर्भ पर अपनी बात रखी।

संगोष्ठी के दूसरे दिन केंद्रीय विश्वविद्यालय गांधीनगर गुजरात के डॉक्टर प्रियरंजन कुमार, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय कोलकाता पश्चिम बंगाल के डॉक्टर ललित कुमार, रणजीत सिंह मेमोरियल पीजी कॉलेज उत्तर प्रदेश के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अमित कुमार सिंह, जय प्रकाश यूनिवर्सिटी बिहार के डॉ कृष्ण कुमार कृष्णा ने भी कोरोना संकट के सामाजिक प्रभाव को लेकर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर अवनीश कुमार सिंह ने आयोग की कार्यप्रणाली को विस्तार पूर्वक समझाया जबकि आयोग के सहायक निदेशक डॉ बी.के. सिंह व राजनीति विज्ञान शब्दावली के सहायक डॉक्टर शहजाद अहमद अंसारी ने आयोग की विविध योजनाओं और कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। प्राचार्य डॉ मोहिनी दहिया ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया, जबकि इतिहास विभाग की डॉक्टर नीलम शर्मा ने प्रतिभागियों, कीनोट स्पीकर व आयोग का आभार व्यक्त किया ।
इस तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का सफल संयोजन एन.के. सोमानी असिस्टेंट प्रोफेसर पोलिटिकल साईंस ने किया। संगोष्ठी में देश भर से 600 से अधिक एसोसिएट प्रोफेसर,असिस्टेंट प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर व स्टूडेंट ने भाग लिया। गोष्टी दिनांक 7, 8 वह 9 अगस्त को दोपहर 12:00 से 2:00 बजे तक गूगल मीट व यूट्यूब चैनल पर संचालित की गई।