
















सूरतगढ़। ज्ञान पंचमी पर विधिवत आराधना और ज्ञान की भक्ति करने से कोढ़ जैसे भीषण रोग भी नष्ट हो जाते हैं। शनिवार को श्रीआत्म वल्लभ आराधना भवन में ज्ञान पंचमी आराधना पर आयोजित कार्यक्रम में जैनाचार्य श्रीजयानन्द विजय सुरीश्वर जी महाराज ने यह बात कही। धर्म सभा को संबोधित करते हुए जैन आचार्य ने कहा कि हम ने ही अपने कर्मों को बिगाड़ा है और हम ही उन्हे सुधार सकते हैं। संत सिर्फ मार्ग दिखा सकते हैं किंतु चलना हमें स्वयं ही पड़ेगा। आचार्य श्री उन्होंने कहा कि विनय और सेवा से ही सही ज्ञान मिलता है। मतिज्ञान और श्रुतज्ञान सभी में होते हैं किंतु विनय और सेवा भाव से ही सही ज्ञान की प्राप्ति होती है। ज्ञान पंचमी – कार्तिक शुक्ला पंचमी अर्थात दीपावली के पाँचवे दिन मनाई जाती है। इस अवसर पर देव वंदन कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
श्रावक समाज ने गौशाला के लिये दिया 81100 रु. का सहयोग
संघ के प्रवक्ता संजय बैद ने बताया की श्री संकट मोचन हनुमान गौशाला समिति सालवा खुर्द,जिला जोधपुर से पधारे हुए गौ सेवकों ने आचार्य श्रीजयानन्द विजय जी महाराज से सहयोग के लिये अनुरोध किया। जिसके बाद आचार्यश्री के आह्वान पर उपस्थित श्रावक समाज द्वारा गौशाला के लिए 81100 का सहयोग इकट्ठा किया गया।
श्री जयकीर्ति विजय जी महाराज की अठाई, पारणा कल
श्री जयकीर्ति विजय जी महाराज की आठ दिन की निराहार तपस्या का पारणा रविवार को होगा। जिसके लिए श्रीमती इंदिरा देवी छगन लाल सेठिया परिवार ने लाभ प्राप्त किया। इसी दिन दोपहर में साधर्मिक वात्सलय का आयोजन भी किया जाएगा और पंच कल्याणक पूजा की जाएगी।
आचार्य श्री द्वारा घोषित 16 नवंबर की संक्रांति का लाभ विजय कुमार संजय कुमार अजय कुमार बैद परिवार ने लिया।