
जैनाचार्य श्री जयानंद विजय महाराज के सानिध्य में मनाया गया सक्रांति महोत्सव

सूरतगढ़ (16 नवंबर)। जैन आचार्य श्रीमद जयानंद सुरीश्वर जी महाराज की पावन निश्रा में बुधवार को सक्रांति महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री विजय वल्लभ जैन धर्मशाला में आचार्यश्री के मंगलाचरण के साथ सक्रांति कार्यक्रम आरंभ हुआ। उसके बाद गणी श्री जय कीर्ति विजय जी महाराज साहब ने भक्ताम्बर पाठ का वाचन किया। कार्यक्रम में श्री आत्म वल्लभ जैन कन्या मंडल की बालिकाओं द्वारा नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें इस चातुर्मास में किए गए कार्यों को दर्शाया गया। श्री आत्म वल्लभ जैन पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल श्रीगंगानगर की बालिकाओं ने भी सांप्रदायिक सौहार्द पर एक नाटिका प्रस्तुत की।
श्री आत्म वल्लभ तरूणी महिला मंडल की श्रीमती अंजना पटावरी, रिद्धि नौलखा, गुलाब देवी छाजेड़, तारा देवी बांठिया, ज्योति डागा, प्रवीण डी जैन, श्रीमती आशू जैन लुधियाना, अमरचंद बोरड श्रीगंगानगर, नीतू बैद, नेहा बैद, ज्योति, सुमन, भाग्य श्री बैद आदि ने गीत, भजन और भावों के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। सक्रांति भजन का गायन लुधियाना से पधारे अनिल जैन ने किया।
इंसान-इंसान के साथ रहना सीख लें तो जीवन हो जायेगा आसान : श्री जयानन्द विजय
धर्म सभा को संबोधित करते हुए जैन आचार्य श्री जयानंद सुरीश्वर जी महाराज ने अपने भजन के माध्यम से भाव व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि एक इंसान को दूसरे इंसान के साथ कैसे रहना है यह कला यदि हम सीख ले हमारा जीवन आसान हो जाएगा। कहां बोले और कहां मुंह बंद रखें यह बात यदि इंसान समझ लेगा तो सारे झगड़े फसाद दूर हो जाएंगे। बाल मुनि श्री चैत्य वल्लभ जी महाराज ने सक्रांति स्त्रोत्र का वाचन किया। पूज्य गुरुदेव भोले बाबा ने सक्रांति नाम पढ़कर सुनाया।
हनुमानगढ़ से पधारे श्यामलाल गीदड़ ने द्वारा हाथों से निर्मित आचार्य श्री का चित्र श्री संघ को भेंट किया गया। इस सक्रांति का लाभ लेने वाले विजय कुमार, सुशीला देवी बैद परिवार का श्री संघ अध्यक्ष सुरेंद्र चोपड़ा, उपाध्यक्ष पवन गोलछा, सचिव सुशील सेठिया और कोषाध्यक्ष हेमंत डागा ने बहुमान किया। साथ ही शालीभद्र धन्ना सेठ के नाटक में भाग भाग लेने वाले सभी कलाकारों को भी श्री पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बैद परिवार द्वारा सधार्मिक वात्सल्य का भी आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का मंच संचालन संजय बैद ने किया। इस अवसर पर सूरतगढ़ के श्रावक समाज के साथ-साथ लुधियाना, श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, ऐलनाबाद और पीलीबंगा से भी श्रद्धालु सम्मिलित हुए।