काचर रो बीज !

विरोध की राजनीति में कांग्रेस इस मामले में फ्रंट फुट पर होनी चाहिए थी । लेकिन फिर क्या वजह रही कि धरना स्थल पर ‘पॉलीटिकल माइलेज’ लेने की बजाय कांग्रेसी नेता हनुमान मील अपना आपा खो बैठे ? आखिर ऐसा कौन था जिसने कांग्रेस नेता को इस तरह का वक्तव्य देने के लिए उकसाया ? इस वाद विवाद से दोनों नेताओं की छवि को नुकसान पहुंचा है तो फिर कौन है जिसने इस पूरे घटनाक्रम से फायदा उठाया ?

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ओवरब्रिज को लेकर हनुमान मील और विधायक कासनिया आमने-सामने

हनुमान मील ने विधायक रामप्रताप कासनिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य हो रहा है कि एक तरफ तो उनकी पार्टी से जुड़े लोगों ने ब्रिज का स्थान परिवर्तन कर इस समस्या को जन्म दिया तो दूसरी और खुद ही विधायक इस मामले में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। हनुमान मील के आरोपों का जवाब देते हुए विधायक कासनिया ने शहर में बने ओवरब्रिज को लेकर मील परिवार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में मील परिवार ने शहर को लाइनपार क्षेत्र से जोड़ने वाले ओवर ब्रिज का नक्शा बदलवाकर बेड़ा गर्क कर दिया।

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