सूरतगढ़। नगरपालिका का सबसे मुख्य काम शहर की सफाई व्यवस्था कहा जा सकता है। परंतु सूरतगढ़ नगरपालिका की बात करें तो पिछले कुछ सालों में शहर की सफाई व्यवस्था का भट्टा बैठ चुका है। नगरपालिका की राजनीति और जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी ने शहर को कचरे के ढेर में बदल दिया। शहर में गंदगी के आलम को देखते हुए शायद ही किसी को इस बात पर यकीन करेगा कि शहर की नगरपालिका में करीब 400 सफाई कर्मचारी कार्यरत है।
पिछले दिनों ओमप्रकाश कालवा के निलंबन के बाद कार्यवाहक चेयरमैन बने परसराम भाटिया ने सफाई व्यवस्था के सुधार के प्रयास तो शुरू किए। लेकिन ईओ शैलेंद्र गोदारा की प्राथमिकता सफाई व्यवस्था नहीं होने से हालातों में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया। पालिका के नये ईओ जगमोहन हर्ष के पदभार संभालने के बाद एक बार फिर सफाई व्यवस्था के बहाल होने की उम्मीद जगी है। इसकी वजह है ईओ हर्ष ने शहर की सफाई, सीवरेज और लाइट व्यवस्था को सुधारने के लिए नगरपालिका मे कण्ट्रोल रूम स्थापित करने के आदेश जारी किये है।
ईओ हर्ष के अनुसार शहर में सफाई, सीवरेज और लाइट संबंधी शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में दर्द शिकायतों का 24 घंटे में निस्तारण किया जायेगा। कंट्रोल रूम की शिकायतों की मॉनिटरिंग के लिए अकाउंटेंट मनप्रीत कौर को कण्ट्रोल रूम का प्रभारी नियुक्त किया है। ईओ हर्ष के मुताबिक पहले दिन दर्ज़ शिकायतों की सूची अगले दिन सुबह संबंधित विभाग के कर्मचारियों को दी जाएगी। जिसे वे कर्मचारी दिनभर में प्राथमिकता के अनुसार दूर कर शिकायतों का निवारण करेंगे। ज्यादा से ज्यादा लोग अपनी शिकायतों को दर्ज़ करवा सके इसके लिए कण्ट्रोल रूम से संबंधित अधिकारीयों के मोबाइल नंबर जल्द ही सोशल मीडिया व दूसरे माध्यमों से जारी करने की बात भी ईओ हर्ष ने कही है।
वहीं ईओ जगमोहन हर्ष ने सफाई व्यवस्था पर खास फोकस करते हुए संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए शहर को दो भागों में बांटते हुए दोनों प्रभारियों को अलग अलग जिम्मेदारी सौंपी है। वार्ड या क्षेत्र वाइज जिम्मेदारी तय होने से सफाई व्यवस्था को लेकर कर्मचारी लापरवाही नहीं बरत सकेंगे जिससे की निश्चय ही सफाई व्यवस्था में सुधार होगा।
बहरहाल ईओ जगमोहन हर्ष के यह कवायद कितनी असरकारक होगी यह तो आने वाला वक्त तय करेगा। लेकिन ईओ हर्ष का कार्यभार संभालते ही सफाई, सीवरेज और लाइट जैसे कामों पर फोकस करना इस बात की उम्मीद जगाता है कि शहर को जल्द ही गंदगी और अंधेरों से मुक्ति मिलेगी।