सूरतगढ़ के सबसे बड़े नेता के सर्वे में पिछड़े भाजपा विधायक रामप्रताप

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बसपा छोडकर कांग्रेस में आये डूंगरराम गेदर की लोकप्रियता अभी भी है कायम

खबर पॉलिटिक्स के सबसे बड़े नेता के सर्वे का परिणाम घोषित

खबर पॉलिटिक्स द्वारा सूरतगढ़ के सबसे बड़े राजनेता  (लॉकडाउन के दौरान) के चयन के लिए करवाए गए ऑनलाइन सर्वे के लिए वोटिंग रविवार रात्रि 12 बजे बंद कर दी गई। यह सर्वे 27 अप्रैल से शुरू होकर 3 मई तक चला। इस दौरान सर्वे को लोगों ने खूब पसंद किया। लोगों ने सर्वे में बहुत उत्साह से वोटिंग की । सर्वे में कुल मिलाकर 23592 लोगों ने अपने पसंद के प्रत्याशी को वोट दिया। जिसका मतलब है कि रोजाना 3000 से भी अधिक लोगों ने खबर पॉलिटिक्स के ऑनलाइन पोर्टल पर आकर वोट किया। इतनी बड़ी संख्या में वोट होना ही सर्वे की कामयाबी को दिखाता है।

सर्वे का परिणाम:- 

खबर पॉलिटिक्स द्वारा करवाए गए सूरतगढ़ के सबसे बड़े (लॉकडाउन के दौरान) राजनेता के चयन के ऑनलाइन सर्वे के परिणामों की बात करें तो यह  काफी चौंकाने वाले हैं। सर्वश्रेष्ठ राजनेता के दौड़ में सर्वे की शुरुआत में तीनो प्रत्याशियों में काफी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिली। तीनों ही नेताओं के समर्थकों ने सर्वे के प्रारंभ में एक दूसरे को पीछे छोड़ने के लिए जमकर वोटिंग की। जिसके चलते शुरुआत में मामला दिलचस्प होता दिखा। लेकिन बाद में मुकाबला त्रिकोणीय से सीधी टक्करमें बदल गया।

विधायक रामप्रताप कासनिया सर्वे में  तीसरे स्थान पर खिसके

खबर पॉलिटिक्स की ऑनलाइन सर्वे के परिणामो में सबसे बड़ा झटका भाजपा के वर्तमान विधायक और दिग्गज नेता रामप्रताप कासनिया को लगा है। ऑनलाइन सर्वे में कासनिया तीनों नेताओं में तीसरे स्थान पर रहे हैं । इससे भी बुरी बात यह है कि सर्वे में कासनिया को महज 598 वोट ही मिले हैं। अगर सर्वे में पड़े कुल वोटों में से कासनिया को मिले वोटों का प्रतिशत निकाले तो यह करीब ढाई प्रतिशत ही बैठता है। जो कासनिया के कद को देखते हुए अच्छा नहीं कहा जा सकता

सर्वे के अंतिम दिन 3 मई 2020 को रात्रि बारह बजे का परिणाम

लोकप्रियता के बावजूद हनुमान मील रहे शीर्ष से दूर

खबर पॉलिटिक्स के सूरतगढ़ के सबसे बड़े राजनेता के ऑनलाइन सर्वे के परिणाम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे हनुमान मील के लिए भी मनमाफिक नही रहे हैं। विधानसभा चुनाव के परिणाम की तरह ही हनुमान मील को ऑनलाइन सर्वे में भी दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ रहा है। ऑनलाइन सर्वे के पहले तीन-चार दिनों में हनुमान मिल के समर्थकों ने जबरदस्त वोटिंग की। जिसके चलते हनुमान मील लोकप्रियता की  दौड़ में अपने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़ते दिखे। लेकिन सर्वे के अंतिम दिनों में वे मोमेंटम को कायम नहीं रख पाए। हनुमान मील को सर्वे में कुल मिलाकर 7232 वोट मिले। अगर वोटों के प्रतिशत की बात करें तो हनुमान मील को करीब 31% वोट हासिल हुए। 

सर्वे में डूंगरराम गेदर बने सूरतगढ़ के सबसे बड़े राजनेता

खबर पॉलिटिक्स के सूरतगढ़ के लोकप्रिय राजनेता के ऑनलाइन सर्वे में डूंगरराम गेदर सिकंदर साबित हुए हैं। ऑनलाइन सर्वे में उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों को बहुत बुरी तरह शिकस्त दी है। ऑनलाइन वोटिंग में डूंगरराम गेदर को सबसे अधिक 15031 वोट मिले हैं, जो कि कुल वोट का लगभग 63% है। बसपा से चुनाव लड़ने और बाद में कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद से लगातार यह लग रहा था कि डूंगरराम गेदर हाशिए पर है। कांग्रेस की सरकार होने और कांग्रेस ज्वाइन करने के बावजूद स्थानीय प्रशासन में मील परिवार का दखल देखने को मिल रहा था। ऐसे में स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य में डूंगर राम के सितारे अस्त होने के कयास लगाए जा रहे थे। लेकिन ऑनलाइन सर्वे के परिणाम इस बात का इशारा करते हैं कि डूंगरराम की राजनीति अभी खत्म नहीं है और प्रतिद्वंद्वियों उनसे सतर्क रहने की जरूरत है l

सर्वे में सभी प्रत्याशियों को मिले वोट

1. डूंगर राम गेदर (15031 वोट )

2. हनुमान मील (7232 वोट )

3.रामप्रताप कासनिया (598 वोट )

4. नोटा (731 वोट )

सर्वे के परिणाम सिर्फ संकेत परंतु अंतिम नहीं 

खबर पॉलिटिक्स के ऑनलाइन सर्वे के परिणाम निश्चित रूप से चौंकाने वाले हैं। यह परिणाम अंतिम नहीं है लेकिन विधायकी का सपना देखने वाले राजनेताओं को राह दिखाने वाले जरूर हैं। सर्वे में भाजपा के दिग्गज नेता रामप्रताप कासनिया को कम वोट मिलने का अर्थ यह नहीं है कि उनके समर्थकों की संख्या  बिल्कुल कम हो गई है । परंतु अगर मान लिया जाए की कासनिया के समर्थक कम नही हुए हैं तो सर्वे से दो परिस्थतियाँ निकल कर सामने आती है पहली स्थिति ये है कि कासनिया के समर्थकों में सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले कार्यकर्ताओं की कमी है । अगर ऐसा है तो यह किसी भी राजनेता के लिए बेहतर स्थिति नहीं है। क्योंकि वर्तमान में फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सक्रिय फॉलोवर ही किसी भी राजनेता की जीत के लिए जमीन तैयार करते हैं।  दूसरी स्थिति यह है कि कासनिया के समर्थकों की संख्या भले ही खूब रही हो पर वर्तमान में कासनिया के समर्थकों में अपने नेता के प्रति उत्साह तो कम हुआ ही है। वजह भले ही कुछ भी रही हो ।

हनुमान मील को अभी करनी होगी मेहनत

दूसरी और कांग्रेसी नेता हनुमान मील की बात करें तो सर्वे के परिणामों से साफ जाहिर है कि हनुमान मिल के पास सोशल मीडिया पर सक्रिय समर्थकों की एक बड़ी संख्या तो है। लेकिन जीत के लिए इससे भी ज्यादा की जरूरत है । इसका मतलब है कि हनुमान मील को खुद को लोकप्रिय बनाने के लिए अभी और प्रयास करने होंगे


डूंगरराम गेदर के लिए सबक

 
जैसा कि हमने कहा कि सर्वे के परिणाम अंतिम नहीं है। ऐसे में डूंगरराम गेदर के समर्थक सर्वे के नतीजों से खुश तो हो सकते हैं। लेकिन चुनाव में सोशल मीडिया के अलावा धरातल पर मजबूत होना जरूरी है। परन्तु सर्वे में डूंगरराम गेदर के पक्ष में किए गए अधिकांश कमेंट पर गौर करें तो यह संकेत मिलता है कि एक डूंगरराम गेदर के समर्थकों में एक समुदाय विशेष के लोगों की संख्या अधिक है जो कि अपने नेता के लिए बेहद मुखर है । अपने समाज या समुदाय का लोकप्रिय नेता होना बुरी बात नहीं है, लेकिन जब आपको चुनाव जीतना हो तो सर्वमान्य नेता बनना होगा ओर इसके लिए जाति की सीमाओं से परे सभी वर्गों में अपने समर्थकों की संख्या बढ़ानी होगी। 

4 thoughts on “सूरतगढ़ के सबसे बड़े नेता के सर्वे में पिछड़े भाजपा विधायक रामप्रताप

  1. जी डूंगर राम गेदर को आपने एक समुदाय का नेता मानकर बहुत बड़ी गलती कर दी जिसने अपने आप को सिर्फ समाज हित के लिए सर्व समाज के लिए कार्य किया तभी तो सुरतगढ़ की जनता ने उनको हर संभव अपना जनसेवक माना है रही बात मिल की उसके पास पैसा है उस से आपको भी खरीद सकता है लेकिन एक टीम वर्क का कार्य बहुत मजबूत होता है इसका भी अहसास आपको विधानसभा चुनाव 2023 में करवा देंगे

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