
सूरतगढ़। भाजपा की परिवर्तन संकल्प यात्रा गुरुवार को सूरतगढ़ पहुंची। यात्रा के पहले दिन पार्टी के आधा दर्जन से अधिक नेताओं ने शक्ति प्रदर्शन कर ताकत दिखाई। शक्ति प्रदर्शन करने वाले नेताओं में विधायक रामप्रताप कासनिया और पूर्व विधायक राजेंद्र भादू जैसे दिग्गज नेता शामिल थे वहीं पूर्व चेयरमैन आरती शर्मा, काजल छाबड़ा, जयप्रकाश सरावगी और सुभाष गुप्ता सरीखे टिकट के दूसरे दावेदार शामिल रहे। लेकिन अगर तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो सूरतगढ़ में परिवर्तन यात्रा का पहला दिन भाजपा नेता मोहन पूनिया के नाम रहा।

कासनिया और भादू जैसे नेताओं के मुकाबले कमतर आंके जाने वाले पूनिया ने यात्रा में भारी भीड़ जुटाकर मजमा लूट लिया । ऐसा नहीं है कि विधायक रामप्रताप और भादू के स्वागत कार्यक्रमों में भीड़ कम थी। दोनों नेताओं के कार्यक्रमों में भी अच्छी खासी भीड़ थी। परंतु मोहन पूनिया की अगुवाई में हुआ यात्रा का स्वागत कार्यक्रम दोनों नेताओं के कार्यक्रमों के मुकाबले ज्यादा व्यवस्थित रहा। कार्यक्रम में भीड़ को देखकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को भी पूनिया की तारीफ करनी पड़ गई। एजेंसीयों से मिली जानकारी के अनुसार करीब 125 से अधिक वाहनों और 15 से अधिक बसों से पूनिया के समर्थक स्वागत कार्यक्रम में पहुंचे।
मोहन पूनिया की पीठ इसलिए भी थपथपाई जा सकते हैं कि जहाँ विधायक कासनिया और भादू ने एक तरह से अपने गढ़ में भीड़ जुटाई वहीं पूनिया जो दईदासपुरा क्षेत्र से आते है ने सरदारपुराबिका जो की विधानसभा का दूसरा कोना है में सफल कार्यक्रम का आयोजन कर दिया। इसके अलावा पूर्व विधायक के कार्यक्रम में जहाँ पीलीबंगा क्षेत्र से भीड़ लाने के आरोप लग रहे है। वहीं दूसरी और कासनिया के मामले में भीड़ लाने में विभिन्न मंडलों-कमण्डलों और भाजपा से जुड़े संगठनों, सरपंचो, डायरेक्टरों और पार्षदों का भी कुछ ना कुछ योगदान रहा है। फिलहाल संघटन पर विधायक कासनिया का ही कब्ज़ा है इसलिये कहना होगा कि भादू और पूनिया द्वारा जो भीड़ जुटाई गई वह खुद के दम पर थी उसमे किसी और का योगदान नहीं था।
वैसे आपको यह भी बता दें कि खुद विधायक रामप्रताप कासनिया भी पूनिया और भादू के स्वागत कार्यक्रमों में उमड़ी भीड़ को देखकर हैरान थे। इसी वजह से शिप्रा कॉलोनी के कार्यक्रम खुद द्वारा बुलाई गई भीड़ से विधायक खुश नज़र नहीं आ रहे थे। विधायक कासनिया की यह निराशा उनके भाषण के दौरान भी दिखी जब उन्होंने कहा कि ‘भीड़ तो मैं और कर दयूं जे टिकट मिले तो’। वैसे कासनिया के इन शब्दों के अर्थ उनके समर्थक अपने हिसाब से लगाने को स्वतंत्र हैं।
गत वर्षो तक मोहन पूनिया की राजनीति का क्षेत्र बीकानेर रहा है जहाँ वें नगर निगम के पार्षद रहते हुए नेता प्रतिपक्ष भी रह चूके है। सूरतगढ़ में वे पिछले 2 सालों से ही सक्रिय हुए हैं। ऐसे में पुनिया को सूरतगढ़ विधानसभा से भाजपा की टिकट की दावेदारी के मामले में काफी कमजोर माना जा रहा था। लेकिन परिवर्तन संकल्प यात्रा में अच्छी खासी भीड़ जुटाकर उन्होंने अपनी ताकत का परिचय दे दिया है। पूनिया के राजनीतिक संबंधों की बात करें अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के अलावा पार्टी के कई बड़े नेताओं से है।
बहरहाल परिवर्तन यात्रा का पहला दिन मोहन पूनिया ने अपने नाम कर लिया। अब देखना होगा कि यात्रा का दूसरा दिन किस नेता के नाम पर दर्ज होगा।