पूर्व चेयरमैन बनवारीलाल मेघवाल ने सीएम को की शिकायत, जांच की मांग
चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए नए टेंडर न कर पुराने टेंडर किये रिन्यू

कोरोना महामारी के चलते राज्य सरकार द्वारा 22 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी। इस दौरान सभी सरकारी अधिकारियों और कार्यालयों को महामारी का संक्रमण रोकने और आवश्यक आपातकालीन व्यवस्थाऐं करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। परंतु सूरतगढ़ नगरपालिका प्रशासन ऐसे समय में भी भ्रष्टाचार को अंजाम देने में जुटा था। सूरतगढ़ नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन बनवारीलाल के ताजा आरोपों से यही साबित होता है। पूर्व चेयरमैन ने वर्तमान चेयरमैन ओम कालवा ओर सेवानिवृत्त ईओ लालचंद सांखला पर मिलीभगत कर स्टोर शाखा के टेंडरों को लॉकडाउन में नए सिरे से करने की बजाय रिन्यू करने का आरोप लगाया है। पूर्व चेयरमैन के अनुसार ओम कालवा और लालचंद सांखला ने अपने चहेते ठेकेदारों से मिलीभगत कर स्टोर शाखा के गत वर्ष (2019-20) हुए टेंडरों की अवधि आगामी वर्ष (2020-21) के लिए बढ़ा दी। जबकि आगामी वर्ष के लिए टेंडरों की प्रक्रिया नगरपालिका द्वारा शुरू की जा चुकी थी । पूर्व चेयरमैन ने कहा है कि लॉकडाउन के दौरान ही नगरपालिका द्वारा जिस प्रकार राशन किटों की आपूर्ति हेतु ऑनलाइन टेंडर निकाला गया था वैसे ही नगरपालिका प्रशासन स्टोर शाखा के लिए भी ऑनलाइन टेंडर आमंत्रित कर सकता था। लेकिन चेयरमैन ओम कालवा और ईओ लालचंद सांखला के खासमखास एक प्रभावशाली पार्षद कम ठेकेदार के प्रभाव में नियमों को ताक में रखकर पुराने टेंडरों को ही रिन्यू कर दिया। पूर्व चेयरमैन का कहना है कि कोराना महामारी को देखते हुए चेयरमैन व ईओ ज्यादा से ज्यादा स्टोर शाखा के टेंडरों की अवधि लॉक डाउन की अवधि तक या फिर अस्थायी रूप से 1-2 माह के लिए बढ़ा सकते थे। परन्तु चेयरमैन कालवा व ईओ लालचंद ने ऐसा नही कर नियमविरुद्ध पूर्व टेंडरों को रिन्यू कर दिया। जिससे साफ है कि इस मामले में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल हुआ है।


क्या है पूरा मामला
सूरतगढ़ नगरपालिका द्वारा स्टोर शाखा में वर्ष 2020 -21 विभिन्न कार्यों के लिए 26 फरवरी 2020 को निविदा निकाली गई। इस निविदा के तहत 5 मार्च 2020 को टेंडर भरे जाकर 6 मार्च को टेंडर खुलने थे। 5 मार्च को नगरपालिका प्रशासन द्वारा टेंडर फॉर्म का विक्रय किया गया। इस दौरान इच्छुक ठेकेदारों ने बड़ी संख्या में टेंडर फार्म खरीद लिए। लेकिन उसी दिन शाम को तात्कालिक ईओ लालचंद सांखला ने बिना कोई कारण बताए अंतिम समय पर इस निविदा प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद ईओ लालचंद सांखला 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त हो गए । नगरपालिका कार्यालय से अब जो जानकारी निकल कर सामने आई है उसके अनुसार ईओ लालचंद सांखला ने रिटायरमेंट से एक-दो दिन पूर्व ही स्टोर शाखा की निविदा के टेंडर को नए सिरे की से करने के बजाए, गत वर्ष (2019-20 में ) टेंडर लेने वाले ठेकेदारों से मिलीभगत कर टेंडरों की अवधि को 1 वर्ष के लिए बढ़ा दी । साफ है कि तात्कालिक अधिशासी अधिकारी जिनको नए सिरे से टेंडर करने चाहिए थे ने भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग करते हुए पुराने टेंडरों को रिन्यू करने का आदेश जारी कर दिया।
मास्टरजी की भूमिका पर खड़े हो रहे सवाल
नगरपालिका प्रशासन द्वारा स्टोर शाखा के टेंडरों को नए सिरे से न कर रिन्यू करने के मामले में मास्टरजी यानि ओम कालवा की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। क्योंकि ऐसा संभव नहीं है उनकी जानकारी के बिना स्टोर शाखा के टेंडरों को रिन्यू किया गया हो ? भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई की दुहाई देने वाले मास्टर जी क्या जवाब देंगे कि नियमों से खिलवाड़ कर टेंडर रिन्यू करने के इस मामले में उनकी क्या भूमिका है ? मास्टर जी यानि ओम कालवा के चेयरमैन बनने के बाद नगरपालिका में भ्रष्टाचार के एक के बाद एक मामलों का जिस तरह खुलासा हो रहा है और नियमों की धज्जियां उड़ा कर जिस तरह से कार्य किए जा रहे हैं उनको देखते हुए लगता है कि मास्टरजी काफी जल्दी में है । बहरहाल सूरतगढ़ नगरपालिका प्रतिदिन नियमों की धज्जियां उड़ा कर भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जा रही है। शायद ऐसे ही हालातों के लिए ये पंक्तियां लिखी गयी है ।
जो डलहौज़ी न कर सका वो ये काम कर देंगे।
कमीशन दो हुक्मरानों को वतन नीलाम कर देंगे।।
लॉकडाउन में टेंडर रिन्यू करने वाली जिले की एकमात्र नगरपालिका है सूरतगढ़
सूरतगढ़ नगरपालिका के बारे में कहा जाता है कि यहां पर सिक्कों की खनक से कोई भी काम करवाया जा सकता है। इस मामले ने एक बार फिर इस बात पर मुहर लगा दी है। लॉकडाउन के दौरान टेंडरों की चालू प्रक्रिया को धता बताकर पुराने टेंडरों की अवधि को 1 साल के लिए बढ़ा देने का यह मामला इसलिए भी अनूठा है। क्योंकि पूरे गंगानगर जिले में एकमात्र सूरतगढ़ नगरपालिका ही ऐसी नगरपालिका है जहां पर यह कारनामा किया गया है। वरना श्रीगंगानगर नगर परिषद सहित जिले की सभी नगरपालिकाओं द्वारा लोक डाउन के चलते रुके हुऐ टेंडरों को अब ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा किया जा रहा है। श्रीगंगानगर नगरपरिषद द्वारा स्टोर शाखा के विभिन्न कामों के लिए अब टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसका समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापन आप नीचे देख सकते हैं। लेकिन नियमों की पालना शायद सूरतगढ़ नगरपालिका के अधिकारियों को पसंद नहीं है।

टेंडर रिन्यू करने का आदेश रद्द कर दोषियों पर हो कार्रवाई :पूर्व चेयरमैन
पूर्व चेयरमैन बनवारीलाल मेघवाल ने इस मामले में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है वहीं राजस्थान संपर्क पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में बनवारीलाल मेघवाल ने मांग की है कि स्टोर शाखा के टेंडरों की अवधि बढ़ाने के आदेश को रद्द किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।