पालिका की पिच पर लम्बी पारी का सपना देख रहे खिलाड़ियों की उड़ी नींद

सुरतगढ़। सूरतगढ़ नगरपालिका में चेयरमैन कालवा की गूगली से इन दिनों विरोधी खेमे के विकेटों का पतझड़ लगा हुआ है। कुछ दिन पहले जब पालिका कर्मचारियों और पार्षदों का क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किया गया था। तब चैयरमेन ओमप्रकाश कालवा किसी वजह से मैदान में नही उतरे थे। लेकिन जब राजनीति की पिच पर खेलने की बात हो तो चैयरमैन कालवा हमेशा तैयार रहते है। राजनीति में पदार्पण या कहें कि नगरपालिका की कप्तानी सम्भालने के बाद से चैयरमेन कालवा अब तक न केवल अपनी बैटिंग से बल्कि बोलिंग से भी विरोधियों को परेशान किये हुए हैं। टीम के कप्तान के रूप में बैटिंग करते हुए चैयरमेन कालवा अब तक नाबाद पारी खेल रहे हैं।…
हालांकि कई मौकों पर विरोधियों ने उन्हें आउट करने की अलग अलग रणनीति भी बनाई। लेकिन एक सधे हुए बल्लेबाज की भांति उन्होंने विरोधी की गेंदों पर जमकर चौके छक्के लगाए। अपने आपको तेज़ गेंदबाज़ समझने वाले ऐसे ही एक खिलाड़ी की तो चैयरमेन कालवा ने वो गत बनाई कि टीम मैंनेजर का खास होने का ढिंढोरा पीटने वाले इस गेंदबाज़ को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। वैसे इस खिलाड़ी की घटिया परफॉर्मेंस का खामियाजा कुछ दूसरे खिलाड़ियों को भी एकबारगी टीम से बाहर होकर भुगतना पड़ा। हालांकि बाद में टीम मैनेजर की जी हुजूरी कर ये खिलाड़ी़ फिर से टीम में शामिल हो गया है। लेकिन सूत्रों की माने तो इस खिलाड़ी को इस शर्त पर ही टीम में शामिल किया गया है कि आगे से बॉल केवल पकड़नी है फेंकनी नही है।…
खैर ये तो बात हुई बैटिंग की, बात अगर बोलिंग की करी जाए तो मास्टर जी यहां भी कम नही है। मास्टर जी अपनी गुगली से पहले भी कई बड़े खिलाड़ियों को हिट विकेट करवाकर बाहर का रास्ता दिखा चुके है। मास्टर जी के ताजा स्पेल को ही देख लीजिए। उन्होंने एक बार फिर विरोधी खेमो का मोहरा बनते दिख रहे तीन खिलाड़ियों को एक के बाद एक पेवेलियन का रास्ता दिखा दिया है। चैयरमेन कालवा को स्पिन बॉलर समझकर खुद को मंझे हुए खिलाड़ी मानने वाले जो लोग पालिका की पिच पर लम्बी पारी खेलने का मंसूबा पाल रहे थे उन्हें अंदाजा नही था कि चैयरमेन कालवा की गुगली इतनी अंदर आकर उनके विकेट ले उड़ेगी। नगरपालिका को अपने इशारों पर चलाने का सपना सँजोने वाले ये लोग फिलहाल इन विकटों के गिरने से सकते में है।…
बहरहाल पालिका के कनिष्ट अभियन्ता मोहन लाल से शुरू होते हुए ईओ शैलेन्द्र गोदारा और सहायक अभियंता सुशील सियाग के ट्रांसफर ऑर्डर के जारी होने से अब इस बात में कोई संदेह नही है कि फिलहाल चैयरमेन कालवा ही नगरपालिका टीम के कप्तान बने रहेंगे । यही नही टीम के चयन में भी उन्ही की मर्जी चलने वाली है। वैसे भी जिस तरह उन्होंने अपनी विरोधी टीमों को शिकस्त दी है उससे उबरने में विरोधियों को काफी समय लगेगा। ऐसे में फिलहाल उनकी कप्तानी को कोई खतरा दूर दूर तक नज़र नही आ रहा है। इस उठापटक से जहां चैयरमेन खेमा खुश हैं वही उनकी विरोधियों की नींद उड़ी हुई हैं।…
वैसे एक कहावत है कि जब निज़ाम की ईंट खिसकती है तो पहली आफत रखैलों पर आती है। नगरपालिका में इन दिनों चल रही उठापटक को देखकर तो ये कहावत ठीक ही लगती है ।
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