श्रीमद विजय वल्लभ सूरी की 153 वीं जयंती पर कार्यक्रम

मुनि दिव्यांश विजय जी महाराज ने कहा कि समाज से अज्ञानता का अंधकार दूर करने के लिए जिस गुरु ने हमें सन्मार्ग बताया वह गुरु वल्लभ ही थे। हमने गुणानुवाद तो किया किंतु उनके गुणों का अनुसरण नहीं किया।

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