सूरतगढ़। सूरतगढ़ की 13 एसडी पंचायत में अतिक्रमण का मामला सोशल मीडिया में छाया हुआ है। गुरुवार को पंचायत समिति प्रधान हजारीराम मिल के पुत्र और कांग्रेस नेता हनुमान मील आरोपों का जवाब देने के लिए सामने आए। पंचायत समिति में आयोजित प्रेस वार्ता में हनुमान मील एक-एक कर सरपंच पपली देवी और उनके पुत्र द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया। इस दौरान उनके साथ सरपंच यूनियन के अध्यक्ष रामकुमार, जिला परिषद सदस्य कमल अटवाल, जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि राजेश भादू सहित सरपंच, डायरेक्टर व तेरा 13 एसडी के ग्रामीण मौजूद थे।
अतिक्रमण हटाने में बाधा डालने के आरोपों का दिया जवाब
सरपंच पपली देवी में द्वारा पंचायत भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में बाधा डालने के आरोपों को हनुमान मील ने सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि सरपंच पपली देवी रंजिशवश 40 साल से बसे लोगों को उजाड़ना चाहती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरपंच द्वारा विवादित भूमि के उत्तरी हिस्से में पट्टे जारी किए जा रहे हैं जबकि वे दक्षिणी हिस्से पर बसे लोगों को उजाड़ना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि वे इस दोहरे रवैया का विरोध करते हैं।
उन्होंने मांग की कि यदि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती है तो दोनों और समान रूप से की जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार भी प्रशासन गांवों के संग अभियान लगाकर सरकारी भूमि पर बसे पर लोगों को पट्टा देना चाहती है तो फिर इन लोगों को उजाड़ना कहां उचित है ?
पट्टे देने के बदले रिश्वत का लगाया आरोप
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान हनुमान मील ने विवादित भूमि पर पट्टा देने के बदले सरपंच पपली देवी पर ₹500000 मांगने का भी आरोप जड़ा। अपने आप के समर्थन में उन्होंने 13 एसडी के कई ग्रामीणो को मौके पर बुलाया जिन्होंने सरपंच द्वारा पट्टा देने के बदले पैसे मांगने के आरोपों को दोहराया।
बिना काम हुए व प्रशासनिक, वित्तीय स्वीकृति के भुगतान का दबाब बनाने का आरोप
कांग्रेस नेता हनुमान मील ने सरपंच पपली देवी के निर्माण कार्यों के 41 लाख रुपए के भुगतान रोकने के आरोपों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि सरपंच द्वारा जिन 9 कामों के लिए भुगतान नहीं करने आरोप लगाया जा रहा है उन कामों की प्रशासनिक, वित्तीय स्वीकृति ही जारी नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि पंचायत अपने स्तर पर ₹50000 से अधिक राशि के काम बिना स्वीकृत करवाने में सक्षम नहीं है। उन्होंने यह भी कहा अधिकांश काम धरातल पर हुए ही नहीं है। उनका आरोप था कि सरपंच दबाव बनाकर फर्जी बिलो का भुगतान उठाना चाहती है जो कि संभव नहीं है।
सरपंच द्वारा बिलों का भुगतान नहीं करने के आरोप के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधान हजारीराम मील ने इसी पंचायत में कई विकास कार्य करवाए गए हैं। यदि उनका कोई दुराग्रह सरपंच के विरुद्ध होता तो वे यह कार्य क्यों करवाते ?
जाति की राजनीति के आरोप बेबुनियाद : मील
सरपंच पपली मेघवाल और उनके पुत्र महावीर द्वारा मील परिवार पर जातिवादी राजनीति करने के आरोप पर हनुमान मील ने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि पंचायत समिति में सभी जातियों के सरपंच, डायरेक्टर है और सभी पंचायतों में समान रूप से विकास कार्य करवाए जाते हैं। मील ने कहा कि उनके परिवार ने आज तक जातिवाद की बात नहीं की है।
इन आरोपों पर जवाब देते हुए सरपंच यूनियन के अध्यक्ष रहे रामकुमार मेघवाल ने कहा कि वे पिछले 15 साल से अधिक समय से मील परिवार से जुड़े हैं और खुद भी मेघवाल जाति से है। उन्होंने कहा कि आज तक मील परिवार की ओर से जातिवाद की राजनीति जैसी बात उनके साथ नहीं हुई है। जिला परिषद सदस्य कमल अटवाल ने भी जातिवाद की राजनीति के आरोपों का नकारा।
सरपंच से की इस्तीफा वापस लेने की अपील, कहा ‘विकास कार्य करवाए’
प्रेस वार्ता के दौरान हनुमान मील सरपंच पपली देवी से इस्तीफा वापस लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि पंचायत समिति के बचे हुए दो ढाई साल के कार्यकाल में विकास कार्य करवाए। उन्होंने सरपंच से विकास कार्य में बिना भेदभाव के सहयोग करने की भी बात कही।