नगरपालिका में फ़र्ज़ी पट्टा घोटाले में दर्ज होगी एफ आई आर ?

CURRUPTION

लॉकडाउन में बने फर्जी पट्टों का जिन आया बाहर, सेठों-भूमाफियों और चहेतों को बांटी रेवड़ियां

रिटायरमेंट से पहले ईओ सांखला व कर्मचारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप

जो डलहौजी ना कर सका वो ये काम कर देंगे।

कमीशन दे दो हुक्मरानों को वतन नीलाम कर देंगे।।

 
सूरतगढ़ । ज्यादा समय नही हुआ जब सूरतगढ़ नगरपालिका के बारे में हमने इस शेर का जिक्र किया था। अब जबकि लॉकडाउन के दौरान पूर्व ईओ लालचंद सांखला के कार्यकाल के अंतिम दिनो में बनाए गए कोरोना पट्टों का सच सामने आना शुरू हो चुका है तो क्या ये शेर सच साबित नही हो जाता है ? ताज़ा आरोपों के अनुसार कोविद-19 के प्रकोप के चलते जब पूरा देश लॉकडाउन कर कोरोना से लड़ रहा था । तब सूरतगढ़ नगरपालिका के ईओ लालचंद सांखला और अन्य कर्मचारी बेशर्मी से पैसों के लिए सरकारी भूमि की बन्दरबांट में लगे थे । इन लोगों ने कोरोना की आड़ में सैंकड़ों की संख्या में अवैध पट्टे जारी कर लाखों-करोड़ों रुपये डकार लिए। मगर सच की एक खासियत है कि उसे सौ पर्दों में भी रखो तो वह बाहर आ जाता है। हालांकि नगरपालिका के पूर्व चेयरमैन बनवारीलाल मेघवाल ने 30 मार्च 2020 को ही भ्रष्टाचार के आरोपी ईओ सांखला द्वारा रिटायरमेंट से पहले लॉकडाउन की आड़ में अवैध पट्टे बनाए जाने का खुलासा कर दिया था।  उन्होंने इस मामले में जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की भी मांग की थी। लेकिन उस समय चेयरमैन ओम कालवा ने उनकेे आरोपों को राजनीति बताते हुए खारिज कर दिया था। लेकिन अब कस्बे के ही वार्ड नंबर 10 के निवासी भागीरथ मेघवाल ने सबूतों के साथ इस मामले का पटाक्षेप कर दिया है। भागीरथ मेघवाल ने 3 जून 2020 को चेयरमैन ओम कालवा को शिकायत देकर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की। क्योंकि इस मामले मेंं खुद चेयरमैन ओम कालवा की भूमिका पर सवालिया निशान है तो कार्रवाई कौन करता ? इसलिए अब भागीरथ मेघवाल ने एडीएम को पत्र देकर ईओ लालचंद सांखला के सम्पूर्ण कार्यकाल के साथ साथ 21 मार्च 2020 से लेकर 31 मार्च 2020 के बीच लॉकडाउन के दौरान बनाये गये पट्टों की जांच कर नगरपालिका अध्यक्ष ओम कालवा और पट्टेधारियों सहित सभी दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध पुलिस केस दर्ज कराने की मांग की है।

इन लोगों के बनाए गए हैं अवैध पट्टे- मेघवाल

शिकायतकर्ता भागीरथ मेघवाल ने अपनी शिकायत में क्रम संख्या सहित करीब 10 पट्टों का जिक्र किया है। शिकायतकर्ता के अनुसार यह सभी पट्टे लोकडाउन के दौरान ईओ लालचंद सांखला ने रिटायरमेंट से पूर्व बनाये। इसके अलावा अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने आनंद बिहार के एक भूखंड के तबादले में इंदिरा सर्किल पर एक बेशकीमती व्यावसायिक भूखंड देने का भी आरोप लगाया है। शिकायत में लॉकडाउन में अवैध रूप से बनाए गए जिन पट्टों का जिक्र किया गया है वे इस प्रकार है। 

1. पट्टा संख्या -03, अजय कुमार / श्री गिरधारी लाल जाति जाट, वार्ड नंबर -21, सूरतगढ़।

2. पट्टा संख्या -28, कृष्ण लाल / श्री धूंकलराम जाति बिश्नोई, वार्ड नंबर -27, सूरतगढ़।

3. पट्टा संख्या -32, राकेश कुमार/ श्री जयदेव जाति गुप्ता, वार्ड नंबर -20 सूरतगढ़।

4. पट्टा संख्या-41, पवन कुमार/ सुखदेव सिंह जाति माली, वार्ड नंबर -10, सूरतगढ़।

5. पट्टा संख्या -42,मंगतू राम/ बृजलाल जाति स्वामी , वार्ड नंबर- 26, सूरतगढ़।

6. पट्टा संख्या 43 बृजलाल/ श्री रामू दास जाति स्वामी, वार्ड नंबर -5,सूरतगढ़।

7. पट्टा संख्या- 45, राधाकृष्ण/ श्री खियांराम जाति ब्राह्मण, वार्ड नंबर-10 सूरतगढ़।

8. पट्टा संख्या-46, गोपी राम/ श्री रामेश्वर लाल गोदारा जाति जाट, वार्ड नंबर-10,सूरतगढ़।

9. पट्टा संख्या -48, गिरधारी लाल /श्री दूलचंद जाति शर्मा, वार्ड नंबर -39,सूरतगढ़।

10. पट्टा संख्या -32, ओमप्रकाश /श्री पूर्ण प्रकाश मोची, वार्ड नंबर-34 सूरतगढ़।


तबादलानामा- संदीप डांग S/0 केवल कृष्ण डांग व  सुखवंत चावला S/0 हरप्रीत चावला, वार्ड नंबर 31 सूरतगढ़ को आनंद विहार कॉलोनी के एक भूखंड के बदले 15×25 साइज का इंदिरा सर्किल पर  व्यावसायिक भूखंड ( भूखंड संख्या- 31)

भ्रष्टाचार के खेल में कौन कौन है शामिल ?

शिकायतकर्ता के अनुसार कोरोना काल में सूरतगढ़ नगरपालिका में सरकारी भूमि की बंदरबांट कर करोड़ों के भ्रष्टाचार के इस मामले में ईओ लालचंद के साथ भ्रष्ट कर्मचारियों की एक पूरी टीम भी शामिल है। शिकायतकर्ता के अनुसार इस टीम में शामिल लोग इस प्रकार है।

1. लालचंद सांखला ( तत्कालीन अधिशासी अधिकारी)

2. सुमित माथुर (कार्यवाहक सहायक अभियंता)

3. सुशील सिहाग (कनिष्ठ अभियंता)

4. मोनू उर्फ रामप्रकाश (बाबू भूमि शाखा)

5. गगन वाल्मीकि (सफाई कर्मचारी) व भूमि शाखा के ही कुछ अन्य कर्मचारी

चेयरमैन कालवा भी नही है नही है पाक साफ

‘मुफ्त की शराब काजी को हलाल ‘ कहावत तो आपने सुनी होगी ? इस पूरे मामले ने नगरपालिका चैयरमेन ओम कालवा भी कुछ कुछ काजी की भूमिका में नज़र आ रहे हैं। वरना नगरपालिका में जनता के ट्रस्टी के रूप में क्या उनका कर्तव्य नही था कि वे सरकारी सम्पति की लूट को रोकते न कि लुटेरों में शामिल होते। इस प्रकरण में अब तक सामने आए कुछ पट्टों में अध्यक्ष की जगह पर ओम कालवा के साइन नही होने के बहाने चैयरमेन कालवा खुद को पाक साफ बताने की कोशिश कर रहे हैं । परंतु पूर्व चेयरमैन बनवारी लाल मेघवाल की माने तो चेयरमैन कालवा प्रारम्भ से अवैध रूप से पट्टे बनाने के इस खेल में शामिल थे। लेकिन जब 30 मार्च 2020 को उन्होंने इस मामले का खुलासा कर जिला कलेक्टर को शिकायत की तो चेयरमैन कालवा डर गए। इस वजह से उन्होंने कुछ पट्टे जो 30 मार्च या उसके बाद जारी हुए उन पर साइन नहीं किए। लेकिन ईओ सांखला रिटायरमेंट से पहले सरकारी धन की लूट के इस आखिरी मौके को गंवाना नहीं चाहते थे। इसलिए उन्होंने पट्टों पर अधिशासी अधिकारी के अलावा अध्यक्ष की जगह पर भी अपने साइन कर पट्टे जारी कर दिये। बहरहाल कोरोना पट्टों के इस प्रकरण ने चैयरमेन ओम कालवा सहित कई चेहरों से शर्म के पानी उतार दिया है। अफसोस की बात ये है कि शिक्षा के माध्यम से नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले साफ सुथरे दिखने वाले ये चेहरे इतनी जल्दी भ्रष्टाचार के नुमाइंदगी करते नजर आएंगे यह किसी ने सोचा भी नहीं था। पर सच तो सच है !

कोरोना पट्टों का खेल पड़ेगा भारी, जाना पड़ सकता है जेल ?

नगरपालिका में कोरोना पट्टों का खेल चेयरमैन ओम कालवा, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी लालचंद सांखला सहित अन्य कर्मचारी को भारी पड़ सकता है । क्योंकि इस मामले में जिस तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं उससे ये साफ जाहिर होता है कि इस मामले में बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। सूत्रों की माने तो लोकडाउन के दौरान ही  करीब 100 से अधिक फर्जी पट्टे जारी किए गए। ऐसे में अगर प्रशासन द्वारा इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाती है तो यह तय माना जा रहा है कि कोरोना पट्टों का भ्रष्टाचार संबंधित जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को महंगा पड़ने वाला है । वैसे भी सूरतगढ़ नगरपालिका का इतिहास इस बात का साक्षी रहा है कि भ्रष्टाचार करने वाले लोगों को अपने कर्मों की कीमत चुकानी पड़ी है । 

चलते चलते युवा कवि आमिर अज़ीज़ की कविता कुछ पंक्तियां याद आ रही है 

सब याद रखा जाएगा

सब कुछ याद रखा जाएगा

जब कभी भी जिक्र आएगा जहां में दौर-ए-बुजदिली का तुम्हारा काम याद रखा जाएगा

जब कभी भी जिक्र आएगा जहां में दौर-ए-जिंदगी का हमारा नाम याद रखा जाएगा

कि कुछ लोग थे जिनके इरादे टूटे नहीं थे लोहे की हथौड़ियों से

कि कुछ लोग थे जिनके जमीर बिके नहीं थे इजारदारों की कौड़ियों से

सब कुछ याद रखा जाएगा

सब याद रखा जाएगा

ताकि तुम्हारे नाम पर ताउम्र लानतें भेजी जा सके

ताकि तुम्हारे मुजस्समों पर कालिखें पोती जा सके

तुम्हारे नाम तुम्हारे मुजस्समों को आबाद रखा जाएगा

सब याद रखा जाएगा

सब कुछ याद रखा जाएगा

भागीरथ मेघवाल द्वारा एडीएम को दी गयी शिकायत पेज-1
भागीरथ मेघवाल द्वारा एडीएम को दी गयी शिकायत पेज-2
पूर्व चेयरमैन बनवारी लाल मेघवाल द्वारा एडीएम को दी गयी शिकायत पेज-1

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