मुल्ला नसीरुदीन की कहानी और चैयरमेन ओम कालवा

Story

सूरतगढ़। नगरपालिका के चैयरमेन ओमप्रकाश कालवा वैसे तो काफ़ी होशियार माने जाते है परन्तु कुछ मुर्ख मित्रों की संगति के चलते इन दिनों उन पर हनक सवार है मीडियाकर्मियों को सबक सिखाने की। इसी कोशिश में उन्होंने कुछ घसियारों को झाड़ पर चढ़ा दिया है। दलाली की चरस पीकर अब ये घसियारे उसी डाल को काटने बैठ गये जिस पर ये खुद बैठे है। खैर चैयरमेन कालवा भले ही इनसे अपना उल्लू सीधा करने का ख्वाब पाल रहे हो लेकिन वे ये भूल जाते है कि इन लोगों को जमीन पर लाने में वे अपना ही नुक्सान कर लेंगे। वैसे चैयरमेन कालवा को ये भी जानना चाहिए कि हाथियों की लड़ाई में हमेशा घास ही कुचली जाती है। खैर चैयरमेन कालवा चाहे तो मुल्ला नसीरुदीन की इस कहानी से सबक लें सकते। कहानी कुछ यूँ है…..
एक्‍ दिन मुल्‍ला नसीरूदीन जोश जोश में अपने गधे को घर की छत पर ले गये. . . . . जब नीचे उतारने लगे तो गधा नीचे उतरने को तैयार ही नहीं हुआ।
बहुत कोशिश करने के बाद भी नाकाम होकर नसीरूदीन गधे का नीचे उतरने का इन्‍तजार करने लगे
कुछ देर गुजरने के बाद मुल्‍ला नसीरूदीन ने महसूस किया कि गधा छत को लातों से तोडने की कोशिश कर रहा है । मुल्‍ला नसीरूदीन बहुत चिंतित हुए कि छत तो नाजुक है और इतनी मजबूत नहीं कि गधे की लातों को सहन कर सके।
सो, मुल्‍ला नसीरूदीन दोबारा उपर भागे और पुन गधे को नीचे लाने का प्रयास किया परन्‍तु गघा तो अपनी हठ पर अडा था नीचे उतरने को तैयार नही था। तमाम समझाईश के बाद भी गधा दोबारा छत तोडने लगा।
मुल्‍ला नसीरूदीन उसे धक्‍के देकर नीचे लाने का प्रयास कर रहे थे तो गधे ने मुल्‍ला नसीरूदीन को दुलत्‍ती जड दी जिसे वे नीचे गिर गये।
गधा फिर छत तोडने लगा, अंतत छत टूट गई और गधे समेत छत धरती पर आन पडी।
मुल्‍ला नसीरूदीन देर तक विषय पर मनन करते रहे और स्‍वयं से कहा कि गधे को कभी भी उंचाई पर नहीं ले जाना चाहिए। क्‍योंकि वह खुद की हानि तो करता ही है, दूसरे खुद को उपर ले जाने वाले को भी नहीं बख्‍शता।
इस कहानी का वैसे तो आज की राजनीतिक परिवेश से कोई सम्‍ब्‍न्‍ध नहीं है पर चैयरमेन कालवा को ये कहानी बार बार पढ़नी चाहिए।

1 thought on “मुल्ला नसीरुदीन की कहानी और चैयरमेन ओम कालवा

  1. जबरदस्त
    सही पकड़े हो भाई , “गधे को कभी ऊपर नहीं चढ़ाना नहीं चाहिए “

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.