
सूरतगढ़।सूरतगढ़ भाजपा के नगरमंडल अध्यक्ष के पद पर विधायक रामप्रताप कासनिया के नजदीकी सुरेश मिश्रा के मनोनीत होने से शायद ही किसी को आश्चर्य हुआ है। भाजपा विधायक रामप्रताप कासनिया के लिए भी इस पद पर उम्मीदवारी जता रहे कई दिग्गज दावेदारों के बीच सुरेश मिश्रा का चुनाव आसान नहीं रहा होगा। लेकिन कासनिया के बारे में यह कहा जाता है कि वे अपने समर्थकों को हमेशा याद रखते हैं। भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष पद पर सुरेश मिश्रा की नियुक्ति ने इस बात पर फिर मोहर लगा दी है। कासनिया के इस कदम से भले ही पार्टी के कुछ नेता निराश हुए हैं लेकिन कासनिया का कद उनके समर्थकों के बीच बढ़ा ही है।इससे पहले नगरपालिका चुनाव के दौरान भी कासनिया ने अपने समर्थकों के पक्ष में लीक से हटकर कुछ फैसले लेकर सबको हैरान किया था। अपने एक समर्थक को चुनाव लड़ाने के लिए उन्होंने वार्ड चुनाव में 5 बार जीत चुके एक दिग्गज नेता की टिकट भी काट दी थी। वह भी तब जबकि खुद कासनिया ये जानते थे कि जिस समर्थक को वे टिकट दे रहे हैं उसकी बुरी तरह हार होने वाली है । हुआ भी ऐसा ही। इस निर्णय को लेकर भाजपा में कासनिया का खूब विरोध हुआ। लेकिन कासनिया जानते है कि बुरे समय मे साथ देने वालों को भुलाया नही जाता बल्कि वक़्त आने पर तवज्जो दी जाती है। शायद यही वजह है जिसके कारण कासनिया लगातार कई बार पीलीबंगा विधानसभा से चुनाव जीतते रहे। सूरतगढ़ की राजनीति की बात करें तो यहां के राजनेताओं में कासनिया इस मायने में दूसरे राजनेताओं से अलग है कि वह समर्थकों और चापलूसों में फर्क करना जानते हैं। जबकि सत्ता के शीर्ष पर रहने वाले अधिकांश नेता चापलूसों को ही समर्थक समझने की भूल कर लेते हैं। अगर सीखना चाहे तो व्यक्ति किसी से भी सीख सकता है, राजनीति करने वाले लोग रामप्रताप कासनिया से सीख सकते हैं।