बिना बहस चैयरमेन कालवा ने पास करवाया 151 करोड़ का बजट
सदन में पार्षद हरीश दाधीच व राजीव चौहान ने किया विरोध
सूरतगढ़ । नगरपालिका बोर्ड में शहर के लोगों ने भले ही भाजपा के 12 पार्षदों को चुनकर भेजा हो पर सोमवार को हुई नगरपालिका की बजट बैठक में 12 की जगह 2 ही पार्षद नज़र आये। बैठक के दौरान वार्ड नंबर 39 के पार्षद हरीश दाधीच ने अपने साथ लायी तख्तियों को दिखाकर ढाब की सफाई और भगतसिंह चौक से रेलवे स्टेशन तक टूटी सड़क का मुद्दा उठाया । अपने इन मुद्दों पर सदन का ध्यान दिलाने के लिए वे बाकायदा स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर सदन में पहुंचे थे। जिसके बाद पार्षद दाधीच और कांग्रेस सदस्यों के साथ नोंक झोंक शुरू हो गयी । इस बीच सदन में मौजूद राष्ट्रवादी पार्टी के पार्षदों को साँप सूंघ गया सिवाय वार्ड -34 के पार्षद राजीव चौहान के । पार्षद राजीव चौहान ने पार्षद दाधीच का साथ देते हुए आवाज उठाई। लेकिन नक्कारखाने खाने में तूती की तरह दोनो पार्षदों की आवाज दबकर रह गयी।
वैसे पार्षद हरीश दाधीच और राजीव चौहान ने आवाज अगर उठाई भी तो इसकी वजह उनकी खुद की पीड़ा थी। वरना पिछली बैठक में उनकी चुप्पी भी सबको याद है। कुल मिलाकर इस बैठक में चैयरमेन ओमप्रकाश कालवा 151 करोड़ से ज्यादा का बजट बिना किसी बहस पारित करवाने में सफल हो गए जो कि एक बड़ी उपलब्धि ही कही जाएगी।
बजट का यशोगान करते नज़र आये भाजपा पार्षद
कहां तो उम्मीद की जा रही थी कि बजट बैठक हंगामेदार रहेगी। क्योंकि भाजपा के पार्षद शहर में सफाई व सीवरेज सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष को घेरेंगे। लेकिन बोर्ड मीटिंग में दूसरा ही नजारा देखने को मिला। बजट का विरोध करने के बजाय भाजपा पार्षद बजट का यशोगान करते नजर आए। भाजपा के महिला पार्षदों की अगुवाई कर रही एक महिला जनप्रतिनिधि जो बैठक से ठीक पहले भाजपा की महिला पार्षदों को जोर शोर से वार्डों की समस्याएं उठाने का पाठ पढ़ा रही थी, सबसे पहले गिरगिट की ही मात देती दिखाई दी। पार्टी अध्यक्ष द्वारा दिये गए पराउंट को भूलकर इस जनप्रतिनिधि ने बजट के प्रति अपना प्रेम उड़ेल दिया। वैसे इस जनप्रतिनिधि के पति पिछले भाजपा बोर्ड में एक बड़े सुरा ठेकेदार के मार्फ़त हुई 5 पैकेट की डील के बाद आंखों में काजल लगाए रखने को रखने को लेकर चर्चा में रहे थे। चर्चा ये भी है कि काजल बेचने वालों के वादे पर खरे नही उतरने के चलते ठेकेदार को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था।
खैर क्योंकि मौका स्वामीभक्ति सिद्ध करने का था तो भाजपा पार्षद भी पीछे क्यों रहते। एक अन्य पार्षद कम ठेकेदार ने भी गोल मोल तरीके से बजट की प्रशंसा कर पार्टी धर्म को भुलाकर भक्ति का प्रदर्शन किया। तो कल तक एक भाजपा नेता को भगीरथ की संज्ञा देने वाले और चरण वंदना के लिए कुख्यात कांग्रेस के एक मनोनीत पार्षद भी कब पीछे रहने वाले थे । सो उन्होंने भी अपने चिरपरिचित अंदाज़ में बजट का यशोगान कर बजट मीटिंग में अपनी अमिट छाप छोड़ी।
अध्यक्ष जी का पाठ नहीं रहा याद..
नगरपालिका बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक से पहले दिन यानि रविवार को भाजपा नगरमंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा की अध्यक्षता में पार्षदों की बैठक हुई थी। इस बैठक में अध्यक्ष ने बजट बैठक में शहर की सफाई, सीवरेज व अन्य समस्याओं को लेकर बैठक में आवाज उठाने को कहा। उन्होंने पार्टी पार्षदों को पार्टी धर्म की घुट्टी पिलाई और विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए कहा। लेकिन सोमवार को जब भी पार्षद बजट बैठक में पहुंचे तब तक अध्यक्ष जी द्वारा याद कराया गया पार्टी धर्म का पाठ अधिकांश पार्षद भूल चुके थे। वैसे अध्यक्ष जी की कोशिश सियारों को शेर की खाल पहनाने की थी जो कामयाब नही हो सकी । बहरहाल इस तरह के लोगों को देखकर ही किसी शायर को ये पंक्तियां लिखने का खयाल आया होगा।
कोहनी पर टिके हुए लोग, टुकड़ों पर बिके हुए लोग!
करते हैं बरगद की बातें,ये गमले में उगे हुए लोग !!
नोट :- अगर आपको खबर पसंद आए तो शेयर अवश्य करें। साथ ही कमेंट बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दें।