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सूरतगढ़ में सीवरेज निर्माण में हुई अव्यवस्था और गड़बड़ियां शायद बिल्कुल दूर हो गई हैं ? अगर फिर भी शहर के किसी वार्ड में सीवरेज के चलते कोई सड़क धँस जाती है या फिर सीवरेज लाइनों में लीकेज के चलते जलदाय विभाग के पाइपों से सीवर का मल युक्त दुर्गंध वाला पानी सप्लाई होता है तो शहरवासियों को अब इसकी आदत डाल लेनी चाहिए । क्योंकि इस बात से कोई सरोकार उनके द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधियों , नगरपालिका चेयरमैन या फिर सत्ता के सहारे शहर के बिना चुने गए माननीयों द्वारा नगरपालिका में बिठाये गये अधिकारीयों व कर्मचारियों को नहीं है । नगरपालिका में चल रहे कमीशन के नोटों की बरसात में अब हर कोई भीगना चाहता है । सीवरेज निर्माण कंपनी की तान पर नगर पालिका के अधिकारी और कर्मचारी तो पहले ही नाच रहे थे। शहर के लोगों को लग रहा था कि वार्डों के विकास के दावे के साथ नए नए चुने गए जनप्रतिनिधि जल्दी से इस नाच में शामिल नहीं होंगे। शहर की उम्मीदों की एक और बड़ी वजह एक शिक्षाविद् का नगर पालिका चेयरमैन बनाया जाना भी था । बच्चों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले गुरुजी निश्चय ही नैतिकता की लाइन पर चलेंगे, इसमें किसी को कोई शक की गुंजाइश नहीं थी । फिर चेयरमैन बने गुरुजी ने सीवरेज की खामी के चलते दूषित पानी पी रहे वार्डों का दौरा कर मीडिया में खूब उम्मीद जगाई थी । चेयरमैन ओम कालवा ने दैनिक भास्कर को दिए बयान में सीवरेज निर्माण कंपनी पर एफआईआर दर्ज कराने और कंपनी का भुगतान रोकनेकी भी बात कही थी। चेयरमैन ओम कालवा का यह बयान 28 दिसंबर को प्रकाशित दैनिक भास्कर में छपा था ।