मुख्य बाजार का दौरा कर व्यापारियों से मिले विधायक

सूरतगढ। विधानसभा चुनावों में हालांकि अभी डेढ़ साल का वक्त है। लेकिन नेताओं को अभी से भविष्य की चिंता सताने लगी है। यही वजह है कि इलाके की राजनीति में शक्ति प्रदर्शनों और जनता के मान मनव्वल का दौर शुरू हो चुका है। शिल्प एंव माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष डूंगरराम गेदर व पूर्व विधायक गंगाजल मील के बाद अब होली के बहाने चुनावी मोड में विधायक कासनिया आ चुके हैं।



स्नेह मिलन के बहाने जहां पूर्व विधायक मील ने भीड़ इक्कठी की तो वही अब रामा श्यामा के बहाने ही सही जनता के पास जाने का मौका विधायक कासनिया ने लपक लिया। रामप्रताप कासनिया वैसे भी ठहरे राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी तो शनिवार को निकल पड़े जनता से रामा श्यामा करने। भाजपा नेताओं, पार्षदों और कार्यकर्ताओं के लवाजमे के साथ विधायक निवास से शुरू करते हुए कासनिया महाराणा प्रताप चौक, भगतसिंह चौक,भारत माता चौक,पुराना बस स्टैंड, स्टेशन रोड़ होते हुए बीकानेर रोड़ पर हॉस्पिटल तक सभी दुकानों पर जाकर व्यापारियों से मिले और सभी लोगों से होली की राम-राम की। विधायक कासनिया ने इस मौके पर व्यापारियों का हालचाल जानने के साथ ही वोटरों की नब्ज भी टटोली।
ये नेता व पार्षद भी रहे कासनिया के साथ



इस अवसर पर विधायक के साथ जिला उपाध्यक्ष आरती शर्मा और शरनपालसिंह, नगर मंडल अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, महामंत्री लालचंद शर्मा, वरिष्ठ नेता विजय गोयल, एडवोकेट एनडी सेतिया, व्यापार मंडल अध्यक्ष महेश सेखसरिया, मंडल उपाध्यक्ष बसंती शर्मा, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश कारगवाल, महिला मोर्चा अध्यक्ष प्रमिला भाटी, पार्षद संजय अग्रवाल,ओमप्रकाश अठवाल, जगदीश मेघवाल, हरिप्रसाद पंडित,गोविन्द नायक पूर्व पार्षद राजेन्द्र ताखर, पार्षद पति राजगिरी,युवा मोर्चा जिला महामंत्री विनोद सारस्वत,मंयक वशिष्ठ, जगजीतसिंह बराड़,सत्यनारायण शर्मा,ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश वर्मा, हैल्थ कॉर्डिनेटर सुशील तावनिया,एडवोकेट ओमप्रकाश पारीक, विक्रम सिंह खिची,राधेश्याम सैन, जगदीश आचार्य आदि बड़ी संख्या में नेता व कार्यकर्ता साथ थे।
संगठन को मजबूत करने की जरूरत !
विधायक कासनिया ने व्यापारियों से रामा श्यामा कर आगामी चुनाव की तैयारियों का आगाज भले ही कर दिया हो लेकिन इस दौरान भाजपा के आधे पार्षदों का नदारद रहना जरूर अखर रहा था। वजह क्या रही ये तो कासनिया जाने। लेकिन यह विषय जरूर विचारणीय हैं क्योंकि लगातार यह देखने को मिल रहा है कि पार्टी के कई पार्षदों की निष्ठा ना तो विधायक के प्रति है और ना ही पार्टी के प्रति। ऐसा ही कुछ हाल संगठन के नेताओं का भी है। अपने निजी स्वार्थों के वशीभूत इन नेताओं ने भी पार्टी को कमजोर करने का काम किया है। पिछले कुछ सालों की बात की जाए तो शहर में विपक्ष में होते हुए जनता को हो रही तमाम परेशानियो सहित विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन की राह पकड़ने की बजाय संगठन के अनुभवी और वरिष्ठ नेता मुंह मे दही जमाये बैठे रहे। ऐसे में मार्गदर्शन के आभाव में पार्टी से जुड़े युवा भी स्वागत कार्यक्रमों और जयंती मनाने तक सीमित रह गए है ।
वरना एक दौर वह भी था जब भाजपाई राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय मुद्दों तक पर सड़कों पर उतरते थे और जनता की तकलीफों को कम करने में मदद करते थे। यह संगठन की निष्क्रियता का नतीजा है कि पालिका बैठक में विधायक के साथ दुर्व्यवहार हुआ तब भी पार्षदों के साथ संगठन भी मुकदर्शक बना तमाशा देखता रहा। अगर संगठन विधायक की गरिमा की रक्षा के लिए भी खड़ा नहीं हो सका तो इसका मतलब निकाला जाए। बहरहाल स्थिति चाहे जो भी हो स्थिति भाजपा और कासनिया के लिए ठीक नही है। अब जबकि विधायक एक बार फिर चुनावी ताल ठोकने के लिए तैयार हैं तो जरूरी है कि गलतियां सुधारी जाए।
- राजेन्द्र पटावरी,