जनता हलकान पर हुक्मरानों को आराम !

HOME PUBLIC ISSUE

विद्युत विभाग ने नियमों को ताक में रख हॉस्पीटल फीडर से दी सप्लाई

सूरतगढ़‘अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता’। शहर के हुक्मरानों के मामले में यह बात पूरी तरह से सच है। विद्युत विभाग की अव्यवस्थाओं के चलते शहर की जनता भले ही हलकान होती रहे लेकिन हमारे हुक्मरानों ने अपने आराम की व्यवस्था कर ली है। विद्युत विभाग के अधिकारियों ने इन हुक्मरानों को 24 घंटे बिजली का तोहफा दिया है। खास बात यह है कि इसके लिए विद्युत विभाग के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रख दिया है। सत्ताधारीयों और प्रशासन के नुमाइंदों की सुविधा का ख्याल रखते हुए इनके घरों और कार्यालयों को विद्युत विभाग ने राजकीय चिकित्सालय के फीडर से जोड़ दिया है। जिसके चलते भले ही शहर में कितनी भी बिजली कटौती हो इन प्रभावशाली लोगों की सुविधा में खलल नहीं पड़ेगा। इन्हे तो 24 घंटे बिजली मिलती रहेगी ।

राजकीय चिकित्सालय में बना फीडर

ये और बात है कि राजकीय चिकित्सालय का फीडर विशेष रूप से मरीजों को 24 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था। चिकित्सालय में भर्ती मरीजों को इलाज के दौरान असुविधा नहीं हो इसके लिए चिकित्सालय परिसर में ही यह फिडर स्थापित किया गया था। क्योंकि यह फिडर मरीजों की सुविधा के लिए शुरू किया गया था इस वजह से इमरजेंसी की स्थिति के अलावा फीडर से चिकित्सालय के अलावा किसी को भी विद्युत सप्लाई नहीं दी जा सकती। लेकिन यह नियम सत्ता की ताकत रखने वाले नेताओं और व्यवस्था के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर लागू नहीं होते। इसी का उदाहरण है सत्ताधारी नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों को चिकित्सालय के फीडर से दी गई विद्युत आपूर्ति की सुविधा।

विद्युत विभाग की मेहरबानी का ये उठा रहे हैं लाभ

विद्युत विभाग के सूत्रों की माने तो करीब 2 माह पूर्व जब शहर में विद्युत व्यवस्था बिगड़ी हुई थी उस समय सत्ताधारी नेताओं और हुक्मरानों के प्रकोप से बचने के लिए विभाग के एक बड़े अफसर ने ही नियमों को ताक में रखकर यह व्यवस्था शुरू की थी ।

विभाग के इस वीआईपी ट्रीटमेंट का फायदा जिन लोगों को मिल रहा है उन लोगों में सबसे पहला नाम सत्ता पक्ष के पूर्व विधायक का है। इसके अलावा सूत्रों के मुताबिक एडीएम व एसडीएम कार्यालय और निवास के अलावा पुलिस उपअधीक्षक कार्यालय , सिटी पुलिस थाना सहित कई अधिकारियों के कार्यालय व निवास इस सुविधा का लाभ उठाने वालों में शामिल है। नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों के लिए की गई इस व्यवस्था का लाभ पवन मिष्ठान भंडार से कल्याण भूमि की ओर जाने वाली रोड़ पर स्थित कई हॉस्पिटल, होटल, विद्युत विभाग के एक बड़े अधिकारी व कुछ व्यवसायी भी उठा रहें है।

विभाग के अधिकारीयों ने नियमों को ताक में रखा

शहर में विभाग के अधिकारी किस तरह से नियमों को ताक में रखकर काम कर रहे हैं इसका ज्वलंत उदाहरण यह मामला है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हॉस्पिटल फिटर से जोड़े जाने से पहले इस पुरे इलाके को रेलवे फिटर से विद्युत आपूर्ति की जाती थी। लेकिन बड़े साहब ने सत्ताधारियों और हुकमरानो के घरों व कार्यालयों को रेलवे फीडर से हटाकर हॉस्पिटल फिटर से जोड़ दिया। आज भी इस इलाके के बहुत बड़ी संख्या में विद्युत कनेक्शनों को रेलवे फीडर से ही विद्युत आपूर्ति दी जा रही है।

यही नहीं विभाग ने नियमों की अनदेखी करते हुए किशनपुरा आबादी क्षेत्र को रेलवे फीडर से जोड़ दिया है जो कि गलत है। क्योंकि कि ग्रामीण क्षेत्र में आने वाले इलाकों को शहरी फीडर से नियमानुसार विद्युत आपूर्ति नहीं दी जा सकती। लेकिन ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ जैसे हालातों में विभाग पर लगाम कसने वाला कोई नेता इस शहर में नहीं बचा है। इसलिए विभाग का यह ढर्रा बदलेगा इसकी उम्मीद कम ही है।

विभाग के एक्सईएन अजय शर्मा दे रहे गोलमोल जवाब

विद्युत विभाग के एक्सईएन अजय शर्मा से जब हमने इस मामले में उनका पक्ष जानना चाहा तो वे गोलमोल जवाब देते नजर आए। पहले तो उन्होंने इस मामले की जानकारी होने से ही इंकार कर दिया। बाद में विभाग के सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंता से मामला जुड़ा होना बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया। जब हमने एक्सईएन साहब से पूछा कि क्या चिकित्सालय के फीडर से कहीं और विद्युत सप्लाई दी जा सकती है तो एक्सईएन साहब से जवाब देते नहीं बना। साफ बात है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है। वैसे यह बात गले उतरने वाली भी नहीं है कि हॉस्पिटल फीडर से प्रभावशाली लोगों को विद्युत आपूर्ति की जाए और एक्सईएन साहब को पता नहीं हो।
वैसे एक्सईएन साहब की हालत दूरदर्शन पर बरसों पहले आने वाले विज्ञापन ‘यह बेचारा काम के बोझ का मारा, इसे चाहिए हमदर्द का टॉनिक सिंकारा‘ वाली सी है क्योंकि खुद एक्सईएन साहब विद्युत अवस्थाओं को लेकर होने वाले प्रदर्शनों से परेशान हैं। इसीलिये साहब ने व्यवस्थाओं का बहाना बनाकर पीएचडी जीएसएस में अपना ऑफिस ट्रांसफर कर लिया है। जनता ने इस पर एतराज करते हुए प्रशासन के आला अधिकारियों तक मामला भी पहुंचाया, जनता को होने वाली परेशानियों की दलील भी दी, लेकिन एक्सईएन साहब के 24 घंटे बिजली के एहसानों के तले दबे बड़े साहब ने एक्सईइन साहब को जंगल में मंगल मनाने की छूट दे दी। वैसे भी जनता का क्या है वह तो मरने के लिए ही है।

मरीजों को 24 घंटा बिजली की सुविधा पर बना खतरा

इस पूरे मामले में विद्युत विभाग और शहर के हुक्मरानों ने जिस तरह से बेशर्मी से अपने आराम की व्यवस्था की है वैसा दूसरा उदाहरण मिलना मुश्किल है। हुक्मरानों को खुश रखने की कवायद में विभाग के आला अधिकारियों ने हॉस्पिटल के मरीजों की 24 घंटे निर्बाध बिजली की सुविधा पर संकट खड़ा कर दिया है। क्योंकि प्रभावशाली लोगों को सुविधा देने के लिए इनके घरों व कार्यालयों को हॉस्पीटल फीडर से जोड़ने के कारण इस फीडर पर लोड बढ़ गया है। ऐसे में लोड के चलते ट्रांसफार्मर के ट्रिप होने का खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या कुछ एक लोगों की सुविधा के लिए मरीजों की सुविधा को ताक में रखना सही है ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.