डॉ. हरिमोहन सारस्वत्त रचित ‘म्हारो यार खेजड़ी है’ भजन का लोकार्पण 6 नवम्बर को

श्री हनुमान खेजड़ी दरबार, सूरतगढ़ की सांस्कृतिक पहचान है। इस मंदिर के प्रति आस्था कब शब्दों में ढलकर ‘म्हारो यार खेजड़ी’ बन गई उन्हें याद नहीं।

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