जैन आचार्य श्री जयानंद विजय सूरीश्वर महाराज का शहर में मंगल प्रवेश
जब कोई समाज कुछ ठान लेता है तो वह उसे पूरा कर गुजरने के लिए कुछ भी कर सकता है। उन्होंने बताया कि पानी की प्राप्ति के लिए गड्ढे को जितना गहरा खोदोगे उतना ही मीठा जल मिलेगा। मन में दृढ़ संकल्प के साथ भक्ति भाव के साथ प्रभु व गुरु की सेवा करना ही श्रावक का उत्तम धर्म होता है।
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