भानु गोदारा बने यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव, गोदारा परिवार की राजनितिक ताक़त बढ़ने का इशारा ?

POLIITICS

सूरतगढ़ । सूरतगढ़ क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष भानू गोदारा को यूथ कांग्रेस का प्रदेश महासचिव की नियुक्त किया गया है। कांग्रेस में संगठन विस्तार के तहत शुक्रवार को यूथ कांग्रेस में प्रदेश महासचिवों की सूची जारी की गई थी, जिसमे श्रीगंगानगर जिले से भानू गोदारा को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी युवाओं की राजनीति में भागीदारी के लिए जिस तरह से प्रतिबद्ध दिखाई दे रहे हैं उसी का परिणाम है कि कांग्रेस में लगातार संगठन का विस्तार हो रहा है और छात्र संघ राजनीति से जुड़े युवाओं को महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी सौंप कर संगठन में युवा ऊर्जा का संचार किया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि यूथ कांग्रेस प्रदेश महासचिवों की सूची में भानु गोदारा जैसे युवाओं को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल किया गया है। भानु गोदारा जैसे युवा की नियुक्ति से क्षेत्र में कांग्रेस के संगठन को तो फायदा होगा ही, वहीं राजनीति के क्षेत्र में काम कर रहे युवाओं को भी आगे बढ़ने का हौसला मिलेगा।   

           भानू गोदारा की पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो भानू शहर के राजनीति में बड़ा दखल रखने वाले पूर्व पार्षद राजाराम गोदारा के छोटे पुत्र है। शहर की पिछले 40 सालों के राजनीति में खासकर नगरपालिका में राजाराम गोदारा के परिवार का दबदबा रहा है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 1994 के बाद से नगरपालिका के प्रत्येक बोर्ड के गोदारा परिवार का कोई न कोई सदस्य पार्षद रहा है। पिछले बोर्ड में उनकी पत्नी परमेश्वरी देवी और उनके बड़े पुत्र महेंद्र गोदारा पार्षद चुने गये थे। वहीं खुद भानू गोदारा की बात करें तो चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज और पंजाब यूनिवर्सिटी से स्नातक भानू गोदारा ने राजनीति में थोड़े से ही समय में लम्बी दूरी तय की है। सूरतगढ़ क्रय विक्रय सहकारी समिति के अध्यक्ष के बाद यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव के रूप में उनकी नियुक्ति इसी बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। वैसे भानु गोदारा की प्रदेश महासचिव के रूप में नियुक्ति जिस हालात में हुई है वह गोदारा परिवार के राजनितिक रसूख की और भी इशारा करता है। क्यों पिछले कुछ समय से गोदारा परिवार के कांग्रेस पार्टी में हासिये पर होने की चर्चाऐं चल रही थी। लेकिन यूथ कांग्रेस में प्रदेश महासचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर गोदारा की नियुक्ति इन चर्चाओं के महज कयास होने की और इशारा कर रही है। यह और बात है कि इन चर्चाओं से इतर गोदारा परिवार आगामी नगरपालिका चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है। आगामी नगरपालिका चुनावों में अध्यक्ष पद सामान्य या ओबीसी के लिए आरक्षित होता है तो गोदारा परिवार खुद अध्यक्ष पद का मज़बूत दावेदार है। हालांकि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही खेमों से दूरी के चलते फिलहाल अध्यक्ष की सीट मुश्किल टास्क प्रतीत नज़र आ रही है। लेकिन इस बात से इंक़ार भी नहीं किया जा सकता है कि आगामी चुनाव में अध्यक्ष के चुनाव में इस परिवार की भूमिका गेम चेंजर की हो सकती है। 

         

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