सुभाष चौक पर सड़क निर्माण में हो रहा जमकर भ्रष्टाचार
सूरतगढ़। रेलवे स्टेशन के बाहर सुभाष चौक पर मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के तहत सीसी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। लंबे समय के बाद जब पिछले दिनों सड़क का निर्माण शुरू हुआ तब चेयरमैन ओम कालवा ने इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया था । सड़क निर्माण के अगले दिन चेयरमैन कालवा ने सुबह सवेरे इस सड़क के इंस्पेक्शन की नौटंकी भी की थी। नौटंकी कहने की वजह यह है कि सड़क के निर्माण में ठेकेदार द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है लेकिन चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा सहित जिम्मेदारों के चेहरे पर कोई शिकन नहीं है।
ठेकेदार द्वारा इस सड़क (ड्रीम प्रोजेक्ट) के निर्माण में मापदंडों के विपरीत घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। ठेकेदार के कारनामों का सबूत शुक्रवार को ली गई यह तस्वीर है जिसमें आप साफ तौर पर देख सकते हैं कि ठेकेदार द्वारा सड़क (ड्रीम प्रोजेक्ट) निर्माण के लिए बिछाई जा रही बेस लेयर में ग्रीट,बजरी और सीमेंट के घटिया मसाले का उपयोग किया गया है। करीब 3 इंच मोटी इस परत में केवल बज़री का रंग दिखाई दे रहा है सीमेंट नजर नहीं आ रही। तस्वीर में आप बेस लेयर के मैटेरियल और ऊपर बिछाई जा रही लेयर के मसाले का फर्क भी साफ देख सकते हैं। दोनों लेयर के बजरी, ग्रीट और सीमेंट का रंग ही यह बताने के लिए काफी है कि चेयरमैन कालवा के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को भ्रष्टाचार दीमक दिन के उजाले में भी चाट रही है।
पीडब्ल्यूडी द्वारा करवाया जा रहा है निर्माण
करीब 33 लाख रुपए की लागत से मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत सड़क का निर्माण पीडब्ल्यूडी द्वारा करवाया जा रहा है। लेकिन नगरपालिका क्षेत्र में होने के चलते पालिका इस सड़क के निर्माण में गुणवत्ता का इंस्पेक्शन कर सकती हैं। लेकिन इंस्पेक्शन ना कर इंस्पेक्शन की नौटंकी जरूर चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा कर रहे हैं।
आखिर किस मुँह से इंस्पेक्शन करेंगे चेयरमैन कालवा ?

वैसे सवाल यह भी है कि चेयरमैन कालवा किस मुँह से शहर में हो रहे निर्माण कार्यों में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाएंगे,जब खुद उनके कार्यकाल में नगरपालिका में l निर्माण कार्य के लिए वसूला जाने वाला कमीशन 17 प्रतिशत से बढ़कर 22 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा खास बात यह भी है कि सड़क का निर्माण कर रहे सुपरवाइजर कम ठेकेदार पर पालिका के वर्तमान अध्यक्ष के साथ साथ पिछले अध्यक्षों का भी खासा स्नेह रहा है। यह बात भी किसी से छिपी नहीं है कि पिछले अध्यक्षों ने इस ठेकेदार के माध्यम से पालिका के टेंडर लेकर जमकर चांदी कूटी थी । लगे हाथ आपको यह भी बता दें कि पालिका के कर्मचारी के लिए रिश्वत लेने के चक्कर में कुछ साल पहले ये ठेकेदार जी भी नप गए थे। अब क्यूंकि रिश्वत मामले में लिप्त कर्मचारी को चेयरमैन कालवा ने उनकी इस विलक्षण योग्यता को देखते हुए कर वसूली का जिम्मा सौंप रखा है तो कर्मचारी के रंगे गये ठेकेदार जी भी फिर से सक्रिय हो गये है। निर्मल बाबा की तरह कर्मचारी के साथ साथ ठेकेदार पर भी चैयरमेन साब का खासी कृपा बरस रही है।
शायद यहीं वजह है कि पिछले कुछ समय से शहर में करवाए जा रहे प्रमुख निर्माण कार्यों के टेंडर ठेकेदार जी को ही मिल रहे है। जो कि पालिका अध्यक्ष की सुपरवाइजर कम ठेकेदार के साथ अप्रत्यक्ष सांझेदारी की अफवाहों को बल देता है। कुल मिलाकर भ्रष्टाचार का रक्त पीकर जोम्बी बन चुके इन लोगों से फिलहाल शहर को बचाना मुश्किल है ! यह काम तब और भी मुश्किल है जब नगरपिता पर ही ज़ोंबी बनने के आरोप लग रहे हो।
शहर के लोगों को पड़ेगा भुगतना
इस सड़क के निर्माण में किये जा रहै भ्रष्टाचार का नतीजा शहर की जनता को भुगतना पड़ेगा। क्यूंकि जिस तरह से अमानक निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है उससे तो यही लगता है कि चेयरमैन कालवा का यह ड्रीम प्रोजेक्ट कुछ ही समय में बिखरना शुरू हो जाएगा। वैसे चेयरमैन कालवा के सपनो की बात करें तो उनके सपने मुंगेरीलाल के सपनों की तरह साबित हुए है। शहर को कैटल फ्री बनाना हो फिर नगरपालिका को भ्रष्टाचार मुक्त करने का सपना। शहर में सत्ता के शीर्ष पर बैठकर चेयरमैन कालवा इन सपनों को भूल से गए हैं।लेकिन किसी शायर की इन बेहद खास पंक्तियों की तरह हम उन्हें इन जमीनी हकीकत से रूबरू कराते रहेंगे ?
तुम आसमां के बंलंदी से जल्दी लौट आना।
हमें जमीन के मसाईल पर बात करनी है।।