ओम कालवा के राज में 1 करोड़ रुपये की सरकारी भूमि पर भूमाफ़ियों का कब्ज़ा

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ईमानदार” चैयरमेन के वार्ड में भी बेेेख़ौफ़ हुए भूमाफिया

सूरतगढ़। शहर में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की समस्या यूं तो नई नहीं है परन्तु सत्ता के वर्तमान निज़ाम में भूमाफिया जिस तरह से अब बेखौफ है वैसे शायद पहले कभी नही थे। शहर के सभी 45 वार्डों में बेखौफ भूमाफिया अजगर की भांति सरकारी भूमि को निगलने के लिए तैयार बैठे हैं। जिस रफ्तार से शहर में सरकारी भूमि पर कब्जा करने का अभियान जारी है उससे तो नही लगता है कि वर्तमान बोर्ड का कार्यकाल पूरा होने तक शहर में एक इंच भी सरकारी भूमि बच पाएगी। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शहर के लगभग सभी वार्डों में आपके चुने हुए पार्षदों में कुछ एक को छोड़कर अधिकांश पार्षद प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से या तो इन भूमाफियों का सहयोग कर रहे हैं या फिर शिखंडियो की तरह बेबस लाचार होकर सरकारी भूमि की लूट का तमाशा देख रहे हैं। इस शहर की बदनसीबी ये भी है कि आपके चुने हुए पार्षदों ने जिस व्यक्ति को शिक्षक समझकर शहर की बागडोर सौंपी थी उनके खुद के ही वार्ड में करोड़ो रूपये की सरकारी भूमि पर भूमाफिया दिन रात अतिक्रमण करने में जुटे हैं । लेकिन सत्ता के मोतियाबिंद से ग्रसित मास्टर ओम प्रकाश कालवा को ये अतिक्रमण दिखायी नही दे रहें हैं। केवल दिसम्बर माह की ही बात करें तो शहर के वार्ड न.-03, 20 ओर 26 में ही करीब एक करोड़ रुपये की खाली पड़ी सरकारी भूमि पर भूमाफियों ने चारदिवारी कर कब्ज़ा कर लिया है। जिसका ब्यौरा आपकी जानकारी के लिए प्रस्तुत है।

वार्ड-20 में विवादित भूखण्ड पर दिनदहाड़े हुआ कब्ज़ा

शहर के वार्ड नं.-20 में पिछले दिनों एक भूखण्ड पर हुआ अतिक्रमण एक बार फिर से चर्चा में है । वार्ड में रेलवे बाउंड्री ओर रेलवे के अधिकारी विश्राम गृह के पास कॉर्नर का ये भूखण्ड आज से करीब 4 साल पहले उस समय विवादों में आया था, जब इस भूखण्ड पर अतिक्रमण हटाने को लेकर एक पार्षद ओर तत्कालिक अधिशाषी अधिकारी में हाथपाई की नौबत आ गया थी और मामला पुलिस तक पहुंच गया था। जिसके बाद नगरपालिका ने इस भूखंड पर सरकारी संपत्ति होने का बोर्ड लगा दिया था। लेकिन वर्तमान चेयरमैन ओम कालवा के कार्यकाल का 1 साल पूरा होने के साथ ही सक्रिय हुए भूमाफ़ियों ने भूखण्ड पर लगे सरकारी सम्पति का बोर्ड उखाड़ फेंका ओर चारदीवारी कर कब्ज़ा कर लिया है।

वार्ड नंबर 20 में खाली प्लॉट पर सरकारी संपत्ति के बोर्ड को उखाड़कर किया गया अतिक्रमण

कॉर्नर के इस भूखण्ड पर कब्ज़ा हुए एक पखवाड़े से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन नगरपालिका प्रशासन कुम्भकर्णी नींद सो रहा है। करीब 30 × 60 के इस भूखण्ड की कीमत कम से कम 15 लाख रुपये है। हालांकि मास्टर कालवा ईमानदारी होने का दावा करते दिखाई देते हैं परंतु वे स्मृति विलोप की समस्या से ग्रसित है इसी को देखते हुए हम चार साल पहले इस भूखण्ड पर कब्जे को लेकर हुए विवाद के बाद दैनिक भास्कर में छपे समाचार ओर भूखण्ड पर लगे सरकारी सम्पति के बोर्ड की फ़ोटो भी यहां प्रकाशित कर रहे हैं । शायद मास्टर जी को याद आ जाये कि यह भूखण्ड सरकारी सम्पति है जिसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी शहर के लोगों मास्टर जी की ईमानदार छवि को देखते हुए दी थी।

वार्ड नं.-3 में करीब 40 लाख के भूखण्ड पर कब्ज़ा

शहर के वार्ड न.-3 में सनसिटी रिसोर्ट के पीछे पिछले दिनों नेशनल हाईवे को त्रिमूर्ति मंदिर रोड से जोड़ने वाली सड़क पर पूर्व दिशा के कॉर्नर के  करीब 80 × 80 के खाली भूखण्ड पर भूमाफियाओं ने चारदीवारी कर दरवाजा लगा दिया है। कॉर्नर के इस भूखण्ड की कीमत कम से कम 40 लाख रूपये से ज्यादा है।

नेशनल हाईवे को त्रिमूर्ति मंदिर से जोड़ने वाली सडक पर सनसिटी गार्डन के पीछे खाली भूखंड पर किया गया अतिक्रमण

हालांकि बताया जा रहा है कि इस अतिक्रमण की शिकायत मिलने पर अधिशाषी अधिकारी मिलखराज चुघ मौके पर पहुंचे थे ,लेकिन बाद में ईओ साब को उनकी औकात याद दिला दी गयी। जिसके बाद उन्होंने इस अतिक्रमण की और झाँका तक नही। फिलहाल भूखण्ड पर बनी अवैध दीवारें ग़रीबों के झोंपड़ों पर बेरहमी से पीला पंजा चलाने वाले नगरपालिका प्रशासन को चिढ़ा रही है। 

चैयरमेन के वार्ड में भी विवादित भूमि पर हो रहे निर्माण 

शहर के दूसरे वार्डों की तरह चैयरमेन ओम कालवा का वार्ड भी अतिक्रमणों की मार से अछूता नही है। मास्टर जी के वार्ड यानी कि वार्ड नं.-26 में करोड़ो की विवादित भूमि पर दिनदहाड़े हो निर्माण की चर्चा भी इन दिनों पूरे शहर में हो रही है । लेकिन मास्टरजी की इतनी हिम्मत नही कि वे उनकी ओर झांक कर भी देख सके। सूत्रों के मुताबिक उनके वार्ड में भी सनसिटी रिसोर्ट के पीछे लगती भूमि पर पिछले कुछ सालों से नगरपालिका की सरकारी सम्पति होने के बोर्ड लगे थे लेकिन अब उस भूमि पर भी माफियाओं की नज़र पड़ गयी है। हालांकि इस भूमि को लेकर कोर्ट में विवाद भी बताया जा रहा था लेकिन अब एकाएक इस विवादित भूमि पर निर्माण कार्य शुरू हो गये है और एक आलीशान कोठी का निर्माण वहां पर किया जा रहा है।

निर्माणाधीन प्लॉट के ठीक पास खाली पड़ी भूमि पर लगा सरकारी सम्पति का बोर्ड

इस भूखंड के पास ही कुछ समय पहले किये गये अतिक्रमणों को नगरपालिका अमले ने तोड़ा था लेकिन इतने बड़े स्तर पर चल रहे निर्माण के बावजूद नगरपालिका प्रशासन की चुप्पी सवाल खड़े कर रही है । जबकि भूखंड के पास ही नगरपालिका की सम्पति का बोर्ड लगा हुआ है। जिस भूखंड पर यह निर्माण चल रहा है उसकी कीमत कम से कम 50 लाख रुपये है । यही वजह है कि इस बेशकीमती विवादित भूमि चल रहे निर्माण को लेकर शहर में चर्चा का माहौल है।

सवालों से भाग रहे मास्टर कालवा और ईओ चुघ

मिलखराज करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि पर दिनदहाड़े हुए अतिक्रमणों के बारे में जब हमने ईमानदार होने का तमगा लेकर फिरने वाले चैयरमेन कालवा ओर ईओ मिलखराज चुघ से फ़ोन कर उनकी सफाई लेनी चाही तो दोनों ही जिम्मेदार व्यक्तियों ने फ़ोन तक नही उठाया। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि ईमानदार होने का स्वांग रचने वाले ईओ कालवा की कहीं न कहीं इन अतिक्रमणों को मौन स्वीकृति है । ऐसे में बाबू से कार्यवाहक ईओ बने मिलखराज चुघ की तो बिसात ही क्या है ? क्योंकि कल उर्दू के महाकवि ग़ालिब का जन्मदिन था तो ऐसे में शहर में मास्टर कालवा की सरपरस्ती में सरकारी भूमि की लूट पर उन्ही का एक शेर याद आता है। 

काबा किस मुँह से जाओगे ग़ालिब 

.. शर्म मगर तुमको नही आती ।।

– राजेन्द्र पटावरी (मोब.-9928298484)

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