सूरतगढ़। ‘बड़े बेआबरू होकर निकले कूचे से हम’। चेयरमैन के रूप में मास्टर ओम कालवा का कार्यकाल सोमवार क़ो कुछ ऐसी ही पंक्तियों के साथ पूरा हो गया। अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में डबल बेंच के आदेश से कालवा चौथी बार चेयरमैन पद पर भले ही बैठ गए। लेकिन ये अंतिम 5 दिन कालवा के लिए बेहद निराश करने वाले रहे। कालवा ने 21 नवम्बर क़ो ज़ब बड़ी उम्मीदों के साथ चार्ज लिया तब भी उनके साथ मुट्ठी भर लोग ही मौजूद थे। कालवा धूमधाम से जॉइनिंग कर दुश्मनों को नीचा दिखाना चाहते थे पर भाजपा नेता, कार्यकर्ता और उनके खास माने जाने वाले कई पार्षद भी जॉइनिंग पर नज़र नहीं आये। और तो छोड़िये पूर्व विधायक रामप्रताप कासनिया भी कालवा की जॉइनिंग पर नहीं पहुंचे। मानो कालवा की ख़ुशी में शामिल होने में किसी क़ो दिलचस्पी नहीं थी।
दूसरी और ईओ पूजा शर्मा सहित अधिकांश कर्मचारी भी कालवा की वापसी से खुश नहीं थे। नतीजा कालवा क़ो अपनी जोइनिंग के लिए करीब 5 घंटे इंतजार करना पड़ा। यही नहीं ईओ पूजा ने कालवा की जॉइनिंग से पहले ही बैक डेट में करीब सवा करोड़ के चेक काट कालवा क़ो एक और चोट दे दी। जिससे 4 परसेंट के हिसाब से लाखों के कमिशन का कालवा का सपना भी धराशायी हो गया।
हालांकि इस पर भी कालवा ने हिम्मत नहीं छोड़ी और दूसरे दिन छुट्टी (शनिवार) के बावजूद कर्मचारियों को बुलाया। लेकिन ईओ सहित ज्यादातर कर्मचारी गायब रहे या फिर मुँह दिखाई के लिए पहुंचे और जो पहुंचे उन्होंने भी कालवा क़ो ज्यादा भाव नहीं दिए। जिसके बाद थक हारकर कालवा घर लौट गए। हालात ये थे कि जिस कालवा की इजाजत के बगैर नगरपालिका में पत्ता नहीं हिलता था, वही कालवा डिजिटल साइन की अप्रूवल का 5 दिन तक इंतज़ार करते रह गए। कालवा ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मौका मिलने पर उनके मातहत अधिकारी कर्मचारी उनको ही नाको चने चबा देंगे और वे कुछ नहीं कर पाएंगे।
बहरहाल इतना सब होने पर भी कालवा क़ो उम्मीद थी कि कर्मचारी उन्हें औपचारिकता के लिए ही सही सम्मानजनक विदाई देंगे। लेकिन ईओ पूजा शर्मा ने कबूतर फंड से विदाई कार्यक्रम करने से साफ मना कर कालवा के प्लान क़ो फ़ैल कर दिया। मजबूरन कालवा क़ो पालिका सभागार में ही विदाई कार्यक्रम करना पड़ा। विदाई कार्यक्रम में भी कालवा की उम्मीदों के विपरीत उंगलियों पर गिनने लायक पार्षद पहुंचे वहीं ईओ और कुछ कर्मचारी भी महज औपचारिकता के लिए मौजूद रहे।
विदाई कार्यक्रम में कालवा किस तरह शर्मसार हुए इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि कार्यक्रम में कालवा क़ो कर्मचारियों/पार्षदों की तरफ से माला तक नहीं पहनाई गई।
खैर कालवा ने बुझे मन से कर्मचारियों और पार्षदों का आभार जताया। कहा जा रहा है कि कालवा ने अपनी गलतियों के लिए माफ़ी भी मांगी और साज़िश के चलते काम नहीं कर पाने का रोना भी रोया। पर शायद आज उन्हें कोई भी माफ नहीं करता चाहता था ? सो कालवा ने अपने भाषण के बाद ज़ब ईओ पूजा शर्मा से दो शब्द बोलने के लिए कहा तो उन्होंने इसके लिए भी मना कर दिया। विदाई कार्यक्रम में ईओ और कर्मचारियों का कालवा और उनके कार्यकाल की सराहना या आभार नहीं व्यक्त करना ये बताने के लिए काफी है कि कर्मचारीयों मे भी कालवा के लिए किस कदर नाराजगी भरी हुई थी।
बहरहाल बैठक में हुई रुसवाई के बाद कालवा भारी मन से अपने घर लौट गए। बताया जा रहा है कि कालवा के घर पहुंचने से पहले ही पालिका कर्मचारियों ने चेयरमैन ऑफिस के बाहर लगी कालवा की नेम प्लेट को उखाड़कर फेंक दिया। कुल मिलाकर कालवा ने पूरे कार्यकाल के दौरान जिस तरह का रवैया अधिकारीयों और कर्मचारियों के प्रति रखा उनके अंतिम दिनों में वहीं उनको लौटकर मिला। जिसके चलते कालवा का विदाई कार्यक्रम सूरतगढ़ नगरपालिका के इतिहास में किसी अध्यक्ष के अब तक के सबसे घटिया विदाई कार्यक्रम के रूप में दर्ज हो गया।
-राजेन्द्र पटावरी,अध्यक्ष -प्रेस क्लब, सूरतगढ़।